बुलंदशहर हिंसा का मुख्य आरोपी शिखर अग्रवाल गिरफ्तार
उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर (Bulandshahr) में भड़की हिंसा के मुख्य आरोपी शिखर आग्रवाल को पुलिस ने बुधवार की रात गिरफ्तार कर लिया है। बुलंदशहर हिंसा के मुख्य आरोपियों में से एक शिखर अग्रवाल को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
शिखर बीजेपी युवा मोर्चा के नेता हैं और हिंसा में मारे गए इंस्पेक्टर सुबोध सिंह की हत्या में आरोपी भी। उन्हें बुधवार देर रात को हापुड़ से गिरफ्तार किया गया।
शिखर अग्रवाल सहित 51 आरोपी फरार चल रहे थे। क्राइम ब्रांच और पुलिस की टीमें शिखर की तलाश में छापेमारी कर रही थीं। बताया जा रहा है कि सोमवार देर रात लगभग एक दर्जन ठिकानों पर छापेमारी की गई थी।
पुलिस अब शिखर के घर की कुर्की करने की तैयारी कर रही थी, उससे पहले ही उसे गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि शिखर की गिरफ्तारी के बाद इस जबकि उसने सोशल मीडिया में अपना लेटर और विडियो भा वायरल किया था। उसने एक चैनल को इंटरव्यू देकर खुद को निर्दोष बताया था।
गिरफ्तारी से पहले शिखर ने एक चैनल को इंटरव्यू दिया इसमें उसने कहा, ‘हमने इंस्पेक्टर की हत्या नहीं कराई, बल्कि वह एक दुर्घटना थी। जब इंस्पेक्टर ने भीड़ को धमकी दी तो भीड़ उग्र हो गई। हमने और हमारे साथियों ने भीड़ को रोकने की कोशिश की। जब हिंदुत्व के नाम पर हमारी मां और बहनों का शोषण किया जाएगा। गायें काटी जाएंगी तो हम चुप नहीं बैठेंगे।
‘शिखर ने कहा, ‘मैं अपने घर में नमक को बोरी उतरवा रहा था। मेरे एक दोस्त का फोन आया कि गोकशी हुई है, वहां आपकी जरूरत है। मैं अपनी टीम के साथ वहां पहुंचा। नगर कार्यकारिणी के लगभग 20-25 लोग थे। हम पहुंचे तो देखा कि वहां गोमाता के अवशेष पड़े थे।
लगभग 50 मीटर दूरी से एक आवाज आई तो हम भी पहुंचे। वहां पहले से 10-15 लोग खड़े थे। कई पुलिसवाले भी वहां मौजूद थे। हम लोगों ने ट्रैक्टर ट्रॉली में अवशेषों को रखा और लेकर थाने की ओर जाने लगे। इंस्पेक्टर ने अवशेष वहीं रोकने की कोशिश की। भीड़ पर इंस्पेक्टर ने दबाव बनाया। मैं तो मामला शांत करा रहा था।’
भीड़ उग्र होती गई और माहौल गर्म होता गया
शिखर ने कहा, ‘मैं अवशेषों को वहीं दबाने के लिए कहने लगे तो भीड़ से एक आवाज आई कि जो नेता बनेगा, वह पिटेगा। लोग उसे फौजी-फौजी कह रहे थे। भीड़ उग्र होती गई और माहौल गर्म होता गया। मैंने बहुत कोशिश की थी कि मामला शांत हो जाए लेकिन कुछ नहीं हुआ।’
कार्रवाई करने को राजी नहीं थे
जब भीड़ ने इंस्पेक्टर से केस दर्ज करने को कहा तो उन्होंने ऐसा पहले करने से इनकार कर दिया। इंसपेक्टर ने कहा कि पहले अवशेष दफनाए जाएंगे। वह कार्रवाई करने को राजी नहीं थे। उन्होंने कहा, ‘अगर आपलोग नहीं हटे तो मैं यहां जितने भी खड़े हैं सबको गोली मार दूंगा’।
इस बात पर भीड़ भड़क गई। शिखर ने बताया, ‘एसडीएम ने मुझसे कहा कि तुम यहां से निकल जाओ। मेरे घर से भी बार-बार फोन आ रहे थे, इसलिए मैं वहां से निकल गया। घर पर बाद में मुझे एक लड़के सौरभ ने बताया कि वहां पर गोली चल गई है। कुछ देर बाद दूसरा फोन आया जिसमें बताया गया कि इंस्पेक्टर को गोली मार दी गई।’
(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें। आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं।)