PoK: भारत के चाल से बौखलाया पाकिस्तान और उसका दोस्त
भारत ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) पर अपने हक की कूटनीतिज्ञ चाल चल दी है। भारतीय लोगों को देश के अन्य भागों के साथ पाक अधिकृत कश्मीर के मौसम की भी जानकारी उनके टीवी स्क्रीन पर मिल रही है। भारत के इस कदम ने पाकिस्तान में लगभग भूकंप की स्थिति ला दी है। पाकिस्तानी हुक्मरान एकदम से बौखलाये हुए हैं।
भारतीय इस नई कवायद को पीओके में तिरंगा लहराने की तैयारियों के रूप में देख रही है। खास यह कि पाकिस्तान की बौखलाहट ने उसके खास दोस्त चीन को भी बेचैन कर दिया। सिक्किम सीमा चीनी और भारतीय सेना के साथ पिछले दिनों हुई झड़प उसी बेचैनी का नतीजा है। डोकलाम में सड़क निर्माण को लेकर हिंदी चीनी पहले से ही तनाव में है।
अवैध कब्जे को पाकिस्तान करना चाहता है वैध-
दरअसल पीओके का मसला खबरों में तब आया जब पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट की सात सदस्यीय बेंच ने हाल के अपने आदेश में, 2018 के ‘गवर्नमेंट ऑफ गिलगित बाल्टिस्तान ऑर्डर’ में संशोधन की इजाजत दे दी। पाकिस्तान यह संशोधन इसलिए चाहती है ताकि क्षेत्र में आम चुनाव कराए जा सकें।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश की आड़ में पाकिस्तान की मंशा खुद पर लगे कब्जाधारी का टैग हटा कर मालिक बनने की भी है। क्योंकि खुद इमरान खान इस बात से अच्छीत तरह वाकिफ हैं कि पीओके पर पाकिस्तान का कब्जा अवैध है। इसी अवैध को वैध बनाने की कोशिश में इमरान खान वहां चुनाव कराने की कोशिश कर रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भारतीय विदेश विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी किया जिसमें पाकिस्तान के वरिष्ठ राजनयिक को पीओके के वर्तमान संविधान में किसी भी तरह के संशोधन और चुनाव के खिलाफ आपत्ति दर्ज करायी गयी है।
विदेश मंत्रालय ने कहा है, ‘यह स्पष्ट रूप से बता दिया गया है कि केंद्र शासित प्रदेश पूरा जम्मू-कश्मीर और लद्दाख जिसमें गिलगित और बाल्टिस्तान भी शामिल हैं, वह पूरी तरह से कानूनी और अपरिवर्तनीय विलय के तहत भारत का अभिन्न अंग हैं।’
पाकिस्तानी सरकार या उसकी न्यायपालिका को उन क्षेत्रों पर हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं हैं जो उसने ‘अवैध तरीके से और जबरन कब्जा जमाए हुए हैं। भारत इस तरह के कदमों को पूरी तरह से खारिज करता है और भारतीय जम्मू कश्मीर के पाकिस्तान के कब्जे वाले इलाकों की स्थिति में बदलाव लाने के जारी प्रयासों पर आपत्ति जताता है।
पर अब जब पाकिस्तान ने पीओके में अपनी हरकतें शुरु की तों भारत ने डिप्लोमेटिक तरीके से इसका जवाब पीओके के मौसम का हाल अपने राष्ट्रीय बुलेटिन में बताने की कवायद से की है।
नहीं रास आ रहा है मौसम का हाल-
इसी के साथ यह भी जान लेना जरुरी है कि वर्तमान में हुआ क्या है। भारत में मौसम की जानकारी देने वाली संस्था इंडियन मेट्रोलॉजिकल डिपार्टमेंट (आईएमडी) ने जम्मू और कश्मीर के अपने मौसम संबंधी उप-मंडल का उल्लेख ‘जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, गिलगित-बाल्टिस्तान और मुजफ्फराबाद’ के रूप में करना शुरू कर दिया है। मुजफ्फराबाद और गिलगित-बाल्टिस्तान पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) के अंतर्गत आते हैं। डीडी न्यूज और ऑल इंडिया रेडियो (आकाशवाणी) अपने प्राइम टाइम न्यूज बुलेटिनों में यहां के मौसम की रिपोर्ट भी प्रसारित कर रहा है। अभी तक आईएमडी पीओके के मौसम की जानकारी नहीं देता था। पाकिस्तान को यह फूटी आंख नहीं सुहा रहा है। वह पीओके को अपना हिस्सा मानता है। उसका मानना है कि भारत पीओके को लेकर कोई गहरी साजिश रच रहा है।
पीओके में दिखावे की है अलग सरकार-
अब जरा पीओके के बारे में भी जानते हैं। गौरतलब है कि 1947 में स्वतंत्रता के बाद पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर पर हमला कर दिया था। तब वहां के राजा हरिसिंह ने भारत सरकार से मदद मांगी और तब फौजी मदद के बदले भारत ने कश्मीर को भारत का हिस्सा बनाने की शर्त रखी थी। इसी दौरान मामला संयुक्त राष्ट्र में पहुंच गया और वहां यथास्थिति रखने के लिए कहा गया और जम्मू-कश्मीर का काफी बड़ा हिस्सा पाकिस्तान के कब्जे में चला गया। कश्मीर का जो हिस्सा पाकिस्तान के कब्जे में है वह पाक अधिकृत कश्मीर है। पाकिस्तान ने इसे दो हिस्सों में बांट रखा है।
एक हिस्से को पाकिस्तान ने आजाद कश्मीर का नाम दिया है और दूसरे हिस्से का नाम गिलगित-बाल्टिस्तान है। पाक अधिकृत कश्मीर में अलग सरकार है। लेकिन वह पाकिस्तान के इशारों पर काम करती है। दुनिया को दिखाने के पाकिस्तान ने यह व्यवस्था बनायी है। पीओके की सीमाएं पाकिस्तानी पंजाब, उत्तर-पश्चिम में अफगानिस्तान के वाखान गलियारे से, चीन के जिन्जियांग क्षेत्र से और पूर्व में भारतीय कश्मीर से लगती हैं। यदि गिलगित-बल्टिस्तान को हटा दिया जाए तो आजाद कश्मीर का क्षेत्रफल 13,300 वर्ग किलोमीटर (भारतीय कश्मीर का लगभग 3 गुना) पर फैला है।
इसके अलावा पाक अधिकृत कश्मीर के हुंजा-गिलगित के एक भाग, रक्सम एवं बाल्टिस्तान की शक्स्गम घाटी क्षेत्र को, पाकिस्तान द्वारा 1963 में चीन को सौंप दिया गया था। इस क्षेत्र को सीडेड एरिया या ट्रांस काराकोरम ट्रैक्ट कहते हैं। पाकिस्तान ने चीन को यह जमीन दोस्ती के नाम पर बतौर तोहफे में दी थी। भारत का दावा है कि चीन ने लगभग 38,000 वर्ग किलोमीटर पर कब्जा किया है जो अविभाजित जम्मू कश्मीर व लद्दाख का हिस्सा है। सामरिक दृष्टि से चीन और भारत के लिए यह इलाका बहुत ही महत्वपूर्ण है।
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