‘PM आम सहमति का देते हैं उपदेश, लेकिन अपनाते हैं टकराव की नीति’ – सोनिया
नई दिल्ली: देश में 18 वीं लोकसभा के गठन और संसद सत्र शुरू होने के एक हफ्ते के बाद कांग्रेस पार्टी की वरिष्ठ नेत्री और कांग्रेस संसदीय दल की नेता सोनिया गाँधी ने अंग्रेजी अखबार “द हिन्दू ” में अपने आर्टिकल के जरिये पीएम मोदी पर तीखा हमला बोला है. उन्होंने लिखा कि- पीएम मोदी ऐसे व्यवहार कर रहे हैं जैसे कुछ भी नहीं बदला है. वह आम सहमति का उपदेश देते हैं लेकिन टकराव का महत्त्व देना जारी रखते हैं. उनमें इस बात का जरा भी संकेत नहीं है कि उन्होंने लोकसभा चुनाव 2024 के जनादेश का समझा है और लाखों मतदाताओं के संदेश पर गौर किया है.
सदन के संचालन में व्यक्त की निराशा…
बता दें कि सोनिया गाँधी ने सदन के संचालन पर निराशा व्यक्तम की है. उन्होंने कहा कि- 18 वीं लोकसभा सत्र के पहले कुछ दिन उत्साहवर्धन नहीं रहे. सदन में सौहार्द की तो बात ही छोड़िए, ऐसी कोई आशा नहीं दिखी कि आपसी सम्मान और सहमति की एक नई भावना को बढ़ावा दिया जाएगा. हालांकि, विपक्ष ने दोनों सदनों में नीट पेपर लीक पर चर्चा की मांग करते हुए शुक्रवार को संसद में सरकार को घेरा, लेकिन सोनिया गांधी ने संकेत दिया है इंडिया गठबंधन सोमवार से राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लेने का इरादा रखता है.
सदन में टकराव नहीं चाहता INDIA गठबंधन…
सोनिया गाँधी ने अपने लेख में लिखा कि- इंडिया गठबंधन में शामिल सभी पार्टियों ने स्पष्ट किया है कि वह सदन में टकराव का रवैया नहीं अपनाना चाहती हैं. वहीँ, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष ने सहयोग की पेशकश की है. उन्होंने बताया कि गठबंधन के सभी नेता संसद में सार्थक कामकाज और इसकी कार्यवाही के संचालन में निष्पक्षता चाहते हैं. हमें उम्मीद है कि प्रधानमंत्री और उनकी सरकार की प्रतिक्रिया भी सकारात्मक होगी. हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि उन लाखों लोगों की आवाज सुनी जाए जिन्होंने हमें अपना प्रतिनिधि चुनकर संसद में भेजा है. हम जनता के मुद्दों को उठाएं उस पर चर्चा करें.
सोनिया ने की लोकसभा स्पीकर की निंदा…
इतना ही नहीं उन्होंने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला द्वारा लोकसभा में इमरजेंसी पर लाए गए प्रस्ताव पर भी टिप्पणी की है. सोनिया गांधी ने लिखा है, ‘प्रधानमंत्री और उनकी पार्टी द्वारा आपातकाल की निंदा की गई आश्चर्यजनक रूप से स्पीकर ने भी वही स्टैंड लिया. स्पीकर से किसी राजनीतिक पार्टी के स्टैंड का समर्थन करने की बजाय निष्पक्षता की उम्मीद की जाती है.
सोनिया ने आपातकाल का किया जिक्र…
उन्होंने लिखा कि यह सत्य है कि 1977 में इस देश की जनता ने आपातकाल पर स्पष्ट निर्णय दिया, जिसे निःसंकोच और स्पष्ट रूप से स्वीकार किया गया. तीन साल से भी कम समय के बाद वह पार्टी (कांग्रेस) जो मार्च 1977 में हार गई थी, प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में लौट आई. पीएम मोदी और उनकी पार्टी को उस तरह का प्रचंड बहुमत कभी नहीं मिला, यह भी उस इतिहास का हिस्सा है’.
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विपक्षी नेताओं ने दी प्रतिक्रिया…
बता दें कि सोनिया के लेख के बाद अब विपक्षी नेताओं की प्रतिक्रिया सामने आई है जहाँ RJD के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने कहा कि सोनिया ने सरकार को आइना दिखाया है जबकि देश में आज भी इमरजेंसी है. शिवसेना यूबीटी के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा, ‘सोनिया गांधी की बात सही है. जो जनादेश 2024 मे आया है वह नरेंद्र मोदी की व्यक्तिगत हार है. यही मोदी हैं जो अबकी बार 400 पार का नारा दे रहे थे, राहुल गाँधी को शहजादा बोलते थे. लेकिन अब यह केवल सत्ता में जुगाड़ से बैठे हैं.