शिंजो आबे: PM मोदी ने दी विदाई, जानिए ढाई महीने बाद क्यों हुआ अंतिम संस्कार
जापान के पूर्व पीएम शिंजो आबे का मंगलवार (27 सितंबर) को टोक्यो में राजकीय अंतिम संस्कार हुआ. इसमें भारत के पीएम नरेंद्र मोदी समेत दुनियाभर के 217 देशों के प्रतिनिधि शामिल होने के लिए टोक्यो पहुंचे. पीएम मोदी ने शिंजो आबे को अंतिम विदाई दी. बता दें 8 जुलाई, 2022 को शिंजोआबे की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. लेकिन, ढाई महीने बाद आज उनका अंतिम संस्कार हो रहा है. ऐसे में कई लोगों के मन में सवाल उठ रहे होंगे कि आखिर ऐसा क्यों है? हम आपको बताने वाले हैं कि जापान में अंतिम संस्कार की क्या प्रक्रिया होती है…
#WATCH | Prime Minister Narendra Modi pays respect to former Japanese PM Shinzo Abe at the latter's State funeral in Tokyo
"India is missing former Japanese PM Shinzo Abe," said PM Modi earlier today
(Source: DD) pic.twitter.com/8psvtnEUiA
— ANI (@ANI) September 27, 2022
दरअसल, 8 जुलाई, 2022 को जापान के पूर्व पीएम शिंजो शिंजो आबे की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इसके बाद आबे के परिवार ने बौद्ध परंपरा के अनुसार 15 जुलाई, 2022 को उनका अंतिम संस्कार कर दिया था. मगर, आज (मंगलवार) जो राजकीय अंतिम संस्कार हुआ है वो सांकेतिक है. इसमें आबे की अस्थियों को श्रद्धांजलि के लिए रखा गया. ये दुनिया का सबसे महंगा अंतिम संस्कार बताया जा रहा है. इसमें 97 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं. आबे की अंतिम विदाई के लिए दुनियाभर के 217 देशों के प्रतिनिधि पहुंचे हैं. इस दौरान लोगों ने आबे से जुड़ी अपनी पुरानी यादों को साझा किया. पीएम नरेंद्र मोदी भी इसके लिए जापान पहुंचे हैं. शिंजो आबे और पीएम मोदी अच्छे दोस्तों में से एक रहे हैं.
Prime Minister Narendra Modi pays respect to former Japanese PM Shinzo Abe at the latter's State funeral in Tokyo
"India is missing former Japanese PM Shinzo Abe," said PM Modi earlier today
(Source: DD) pic.twitter.com/cO5SnswgGQ
— ANI (@ANI) September 27, 2022
जापान में किस तरह से होता है अंतिम संस्कार…
जापान में ज्यादातर लोग बौद्ध परंपरा के अनुसार शवों का अंतिम संस्कार करते हैं. इस परंपरा के अनुसार, मरने के बाद परिजन मृतक के होंठों पर पानी लगाते हैं। जिसे अंतिम समय का जल कहा जाता है. मौत के अगले दिन ‘वेक’ की परंपरा है, जिसमें जान-पहचान वाले लोग जुटते हैं. वह मृतक की बॉडी का आखिरी दर्शन करते हैं. इस दौरान उनसे जुड़ी यादों को साझा करते हैं. पुरुष काले सूट, सफेद शर्ट और काली टाई लगा कर आते हैं. वहीं, महिलाएं काले रंग के कपड़े पहन कर आती हैं. कई बार लोग मृतक के परिजनों को काले या सिल्वर रंग के लिफाफे में पैसे भी देते हैं. बौद्ध परंपरा के अनुसार मंत्र भी पढ़े जाते हैं.
इसके बाद हिंदू धर्म की तरह शवों को अग्नि के हवाले कर दिया जाता है. मतलब शव को जलाने से जुड़ी परंपरा है. इलेक्ट्रिक शवदाह गृह के एक चेंबर में ताबूत को धीरे-धीरे खिसका दिया जाता है. इस दौरान परिजन वहां मौजूद रहते हैं. ताबूत के पूरी तरह से चेंबर में जाने के बाद परिजन वापस घर चले जाते हैं. दो से तीन घंटे बाद परिजनों को फिर से बुलाया जाता है और उन्हें मृतक के अवशेष दिए जाते हैं. परिजन चॉप स्टिक से हड्डियों को इकट्ठा करके कलश में रखते हैं. सबसे पहले पैर और फिर सिर की हड्डी कलश में रखी जाती है.
Also Read: जापान के पूर्व पीएम शिंजो आबे का निधन, गोली मारने वाला गिरफ्तार
जापान के लोग कलश में रखे अवशेष को पारिवारिक कब्र में दफन करते हैं. कई लोग सीधे अवशेष को दफन करने के लिए ले जाते हैं तो कई लोग कुछ दिन अपने घर पर रखते हैं. कई बार इनको अलग-अलग बांट भी दिया जाता है. जापान में कलश में रखी अस्थियों को रखने की परंपरा भी है. इसके लिए कब्र के आकार की आलमारी बनती है. ये बहुमंजिला इमारतें भी होती हैं. 10 से 12 मंजिला इन इमारतों में कब्र के आकार की छोटी-छोटी आलमारी बनाई जाती हैं, जहां लोग अस्थि कलश रखते हैं. समय-समय पर यहां आकर परिजन श्रद्धांजलि भी देते हैं.
कैसे हुई थी मौत…
जापान के पूर्व पीएम शिंजो आबे की 8 जुलाई, 2022 की सुबह गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. घटना के वक्त पूर्व पीएम शिंजो आबे नारा शहर में काउंसलर चुनाव के लिए भाषण दे रहे थे. इसी दौरान जापान नेवी के एक पूर्व ऑफिसर ने आबे को पीछे से गोली मारी. आबे को पीठ में गोली लगी. अस्पताल में 3 घंटे तक उनका इलाज चला और फिर उन्होंने दम तोड़ दिया. आरोपी का नाम तेत्सुया यामागामी है. उसकी उम्र 41 साल है. वह नारा शहर का ही रहने वाला है.