बालक बुद्धि को कौन समझाए…बिना नाम लिए पीएम मोदी का राहुल गांधी पर तंज
लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर बड़ा हमला बोला. पीएम मोदी ने कहा, “1984 के बाद देश में 10 चुनाव हुए हैं और 10 चुनावों में कांग्रेस ढाई सौ का आंकड़ा नहीं छू पाई है. इस बार ये किसी तरह 99 के फेर में फंसे हैं. मुझे एक किस्सा याद आता है. 99 मार्क्स लेकर एक व्यक्ति घूम रहा था और दिखाता था कि देखो 99 मार्क्स आए हैं. लोग भी शाबाशी देते थे. टीचर आए और कहा कि किस बात की बधाई दे रहे हो. ये सौ में से 99 नहीं लाया. ये 543 में से 99 लाया है. अब बालक बुद्धि को कौन समझाए.”
तीसरी बार तो हारे हैं पर मौसीजी मोरल विक्ट्री तो है न
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “कांग्रेस के नेताओं की बयानबाजी ने ‘शोले’ फिल्म को भी पीछे छोड़ दिया है. आप सबको ‘शोले’ फिल्म की मौसीजी याद होंगी. तीसरी बार तो हारे हैं पर मौसीजी मोरल विक्ट्री तो है न. 13 राज्यों में जीरो सीटें आई हैं, अरे मौसी 13 राज्यों में जीरो सीटें आई हैं पर हीरो तो हैं न. अरे पार्टी की लुटिया तो डुबोई है. अरे मौसी पार्टी अभी भी सांसें तो ले रही है. कांग्रेस के लोगों को कहूंगा कि जनादेश को फर्जी जीत के जश्न में मत दबाओ. फर्जी जीत के नशे में मत डुबाओ. ईमानदारी से जनादेश को समझने की कोशिश करो, उसे स्वीकार करो.”
उन्होंने आगे कहा, ”मुझे नहीं पता कि कांग्रेस के जो साथी दल हैं, उन्होंने इस चुनाव का विश्लेषण किया है कि नहीं. ये चुनाव इन साथियों के लिए भी एक संदेश है. अब कांग्रेस पार्टी 2024 से एक परजीवी कांग्रेस के रूप में जानी जाएगी.
पीएम ने आगे कहा, 2024 से जो कांग्रेस है, वो परजीवी कांग्रेस है और परजीवी वो होता है, जो जिस शरीर के साथ रहता है, उसी को ही खाता है. कांग्रेस भी जिस पार्टी के साथ गठबंधन करती है, उसी के वोट खा जाती है और अपनी सहयोगी पार्टी की कीमत पर वो फलती-फूलती है, इसीलिए कांग्रेस, परजीवी कांग्रेस बन चुकी है. यह तथ्यों के आधार पर कह रहा हूं.”
ये तो शीर्षासन करने में लगे हैं- PM
उन्होंने कहा, ”कांग्रेस के लिए भी इस देश की जनता ने जनादेश दिया है. ये जनादेश है, वहीं बैठो. विपक्ष में ही बैठो और तर्क खत्म हो जाए तो चीखते रहो, चिल्लाते रहो. कांग्रेस के इतिहास का ये पहला मौका है, जब लगातार तीन बार कांग्रेस सौ का आंकड़ा पार नहीं कर पाई है. कांग्रेस के इतिहास में ये तीसरी सबसे बड़ी हार है. तीसरा सबसे खराब प्रदर्शन है. अच्छा होता कांग्रेस अपनी हार स्वीकार करती, जनता जनार्दन के आदेश को स्वीकार करती, आत्ममंथन करती. लेकिन, ये तो शीर्षासन करने में लगे हैं.