संसद के शीतकालीन सत्र से पहले पीएम मोदी का संबोधन, कहा- ”जनता की उम्मीद पर खरा उतरना है”
संसद का शीतकालीन सत्र आज से शुरू हो रहा है, इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के नाम संबोधन किया है. इस दौरान पीएम मोदी ने संविधान के 75 साल पूरे होने पर कहा है कि, ”सबसे बड़ी बात है हमारे संविधान के 75 साल की यात्रा, 75वें साल में उसका प्रवेश लोकतंत्र के लिए बहुत ही उज्ज्वल अवसर है. कल संविधान सत्र में हम सब मिलकर संविधान के 75वें वर्ष के उत्सव की शुरुआत करेंगे”
”2024 का ये अंतिम कालखंड”
संसद के शीतकालीन सत्र की शुरूआत से पहले पीएम मोदी ने शुरूआत से पहले संबोधित करते हुए कहा है कि, “2024 का ये अंतिम कालखंड चल रहा है. देश पूरे उमंग और उत्साह के साथ 2025 के स्वागत की तैयारी में भी लगा है. ऐसे में संसद का ये सत्र अनेक प्रकार से विशेष है. सबसे बड़ी बात है हमारे संविधान के 75 साल की यात्रा, 75वें साल में उसका प्रवेश लोकतंत्र के लिए बहुत ही उज्ज्वल अवसर है, कल संविधान सत्र में हम सब मिलकर संविधान के 75वें वर्ष के उत्सव की शुरुआत करेंगे.”
”नए सांसदों के अधिकारों को कुछ लोग दबोच लेते हैं”- पीएम मोदी
इसके आगे बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा है कि, “संसद में स्वस्थ चर्चा हो, ज्यादा से ज्यादा लोग चर्चा में अपना योगदान दें. दुर्भाग्य से कुछ लोगों ने अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए जिनको जनता ने अस्वीकार किया है, वे संसद को भी मुट्ठी भर लोगों की हुड़दंगबाजी से नियंत्रित करने का प्रयास कर रहे हैं. देश की जनता उनसे सारे व्यवहारों को गिनती है और समय आने पर सजा भी देती है, लेकिन दुख की बात है कि नए सांसदों के अधिकारों को कुछ लोग दबोच लेते हैं.”
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”पुरानी पीढ़ी का काम है आने वाली पीढ़ियों को तैयार करें”
इसके साथ ही पीएम मोदी ने सांसद और नेताओं के दायित्वों का जिक्र करते हुए कहा है कि, “पुरानी पीढ़ी का काम है आने वाली पीढ़ियों को तैयार करें, लेकिन 80-90 बार जिनको जनता ने नकार दिया है वे न संसद में चर्चा होने देते हैं न लोकतंत्र की भावना का सम्मान करते हैं. न वो लोगों के प्रति अपना दायित्व समझ पाते हैं. वे जनता की उम्मीदों पर कभी भी खरे नहीं उतरते, जनता को उन्हें बार-बार नकारना पड़ रहा है.”