विजय दिवस की 25वीं वर्षगांठ पर कारगिल पहुंचे पीएम मोदी, शहीदों को दी श्रद्धांजलि…
देश आज कारगिल विजय दिवस की 25 वीं वर्षगांठ मना रहा है. इस खास मौके पर पीएम मोदी द्रास (कारगिल) पहुंचे हैं. यहां पीएम मोदी ने सबसे पहले कारगिल युद्ध स्मापक पर कारगिल नायकों को श्रद्धांजिल दी. इससे पहले लद्दाख के उपराज्यपाल और सेवानिवृत्त ब्रिगेडियर बी डी मिश्रा ने पहले ही प्रधानमंत्री के दौरे की तैयारियों की समीक्षा की थी. साल 1999 में भारत-पाकिस्तान हुए कारगिल युद्ध में भारत ने जीत हासिल की थी. आज भारत उस जीत की रजत जयंती मना रहा है. इसी के उपलक्ष्य में 24 से 26 जुलाई तक करगिल जिले के द्रास में भव्य समारोह का आयोजन किया जा रहा है. इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने करगिल विजय दिवस की 25वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित समारोह में भाग लिया है.
आज सुबह 9.20 पर पीएम मोदी द्रास ब्रिगेड हेलीपैड पर उतरे थे, जहां पर सेना के अधिकारियों ने उनका स्वागत किया. इसके बाद पीएम मोदी ने शहीदों को दी जाने वाली श्रद्धांजलि समारोह में शामिल होने के बाद वॉल ऑफ फेम या शहीद मार्ग का दौरा करेंगे. इसके साथ ही पीएम मोदी कारगिल युद्ध की कलाकृतियों के संग्रहालय का निरीक्षण कर आगंतुक पुस्तिका पर हस्ताक्षर करेंगे. पीएम मोदी भी वीर भूमि का दौरा करेंगे और युद्ध में शहीद हुए जवानों की पत्नियों से बातचीत करेंगे. इसी दौरान वे ‘शिंकू ला सुरंग’ का डिजिटल उद्घाटन भी करेंगे.
पीएम मोदी का आज का कार्यक्रम
पीएम मोदी शिंकुन ला सुरंग परियोजना का पहला विस्फोट वर्चुअली करने वाले हैं. समाचार पत्रों में कहा गया है कि शिंकुन ला सुरंग परियोजना में एक ट्विन-ट्यूब सुरंग होगी, जो 4.1 किलोमीटर लंबी है और निमू-पदुम-दारचा रोड पर लगभग 15,800 फीट की ऊंचाई पर बनाई जाएगी. इससे लेह को हर मौसम में कनेक्टिविटी मिलेगी. यह सुरंग बनने के बाद दुनिया की सबसे ऊंची सुरंग होगी. शिंकुन ला सुरंग से लद्दाख में सशस्त्र बलों और अन्य उपकरणों की तेज और सटीक आवाजाही होगी, जिससे लद्दाख का आर्थिक और सांस्कृतिक विकास होगा.
मैं उन शहीदों को नमन करता हूं- पीएम मोदी
वही कारगिल के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा है कि, ”आज लद्दाख की ये महान धरती करगिल के 25 वर्ष पूरे होने की साक्षी बन रही है. करगिल विजय दिवस हमें बताता है कि राष्ट्र के लिए दिया बलिदान अमर होता है. दिन, महीने और सदियां भी गुजरती है और मौसम भी बदलते हैं लेकिन देश की रक्षा के लिए जान की बाजी लगाने वालों के नाम अमिट रहते हैं. ये देश हमारी सेना के पराक्रमी महानायकों का सदा ऋणी है, ये देश उनके प्रति कृतज्ञ है.
”मेरा सौभाग्य है कि मैं करगिल युद्ध के समय अपने सैनिकों के बीच था. आज मैं फिर से करगिल की धरती पर हूं तो वो स्मृतियां मेरे मन में फिर ताजी हो गई. मुझे याद है कि किस तरह हमारी सेनाओं ने इतनी उंचाई पर इतने कठिन युद्ध ऑपरेशन को अंजाम दिया. मैं देश को विजय दिलाने वाले ऐसे सभी वीरों को प्रणाम करता हूं. मैं उन शहीदों को नमन करता हूं जिन्होंने करगिल में देश की रक्षा के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया.”
चुनौती को भारत परास्त कर के ही रहेगा- पीएम मोदी
इसके आगे पीएम मोदी ने दुश्मन देश को ललकारते हुए कहा है कि, ” दुश्मन को मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा. लद्दाख हो या फिर जम्मू-कश्मीर. विकास के सामने आ रही हर चुनौती को भारत परास्त कर के ही रहेगा. कुछ ही दिन बाद इस 5 अगस्त को आर्टिकल 370 का अंत हुए 5 साल पूरे होने जा रहे हैं. जम्मू-कश्मीर आज नए भविष्य की बात कर रहा है. बड़े सपनों की बात कर रहा है. यहां की पहचान जी20 जैसी ग्लोबल समिट की अहम बैठक के लिए हो रही है. जम्मू-कश्मीर, लेह-लद्दाख में टूरिज्म सेक्टर भी बढ़ रहा है. दशकों बाद कश्मीर में सिनेमा हॉल खुला है. धरती का हमारा स्वर्ग शांति और सोहार्द की तरफ बढ़ रहा है. विकास की नई धारा बनी है. शिंकुला टनल के निर्माण का काम शुरू हुआ है. इसके जरिए लद्दाख हर मौसम में पूरे देश से कनेक्ट रहेगा.
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”हमारी सेना ज्यादा सक्षम और आत्मनिर्भर हुई है”
पीएम मोदी ने कहा है कि, ” आज की वैश्विक परिस्थियां पहले से अलग है, ऐसे में हमारी सेना को हथियारों और उपकरणों के साथ कार्यशाली और व्यवस्थाओं में आधुनिक होना चाहिए. इसलिए देश डिफेंस सेक्टर में बड़े बदलाव की राह देख रहा था, सेना भी इसकी मांग कर रही थी. लेकिन बदकिस्मती से इसे पहले इतना महत्व नहीं दिया गया. बीते दस सालों में हमने इस क्षेत्र को अपनी प्राथमिकता बनाई. आज हमारी सेना ज्यादा सक्षम हुई है और आत्मनिर्भर भी हो रही है. ”