प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोविड 19 से सर्वाधिक प्रभावित सात राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से समीक्षा बैठक की। महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, दिल्ली और पंजाब में कोरोना के कुल 65.5 प्रतिशत मामले हैं। इन्हीं 7 राज्यों में 77 फीसदी मौतें हुई हैं। ऐसे में प्रधानमंत्री मोदी ने इन राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ कोरोना से निपटने के नए उपायों पर भी चर्चा की। प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरान कोरोना की रोकथाम के कई फॉर्मूले बताए।
उन्होंने कहा कि प्रभावी टेस्टिंग, ट्रेसिंग, ट्रीटमेंट, सर्विलांस और स्पष्ट मैसेजिंग, इसी पर हमें अपना फोकस और बढ़ाना होगा। प्रभावी मैसेजिंग इसलिए भी जरूरी है क्योंकि ज्यादातर संक्रमण बिना लक्षण का है। ऐसे में अफवाहें उड़ने लगती हैं। सामान्य जन के मन में ये संदेह उठने लगता है कि कहीं टेस्टिंग तो खराब नहीं है। यही नहीं कई बार कुछ लोग संक्रमण की गंभीरता को कम आंकने की गलती भी करने लगते हैं।
कोरोना इलाज से जुड़ी सुविधाओं का विकास
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि बीते महीनों में कोरोना इलाज से जुड़ी जिन सुविधाओं का विकास किया है, वो हमें कोरोना से मुकाबले में बहुत मदद कर रही हैं। अब हमें कोरोना से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर को तो मजबूत करना है, जो हमारा हेल्थ से जुड़ा, ट्रैकिंग-ट्रेसिंग से जुड़ा नेटवर्क है, उनकी बेहतर ट्रेनिंग भी करनी है।
प्रधानमंत्री ने कहा, “जो 1-2 दिन के लोकल लॉकडाउन होते हैं, वो कोरोना को रोकने में कितना प्रभावी हैं, हर राज्य को इसका अवलोकन करना चाहिए। कहीं ऐसा तो नहीं कि इस वजह से आपके राज्य में आर्थिक गतिविधियां शुरू होने में दिक्कत हो रही हैं? मेरा आग्रह है कि सभी राज्य इस बारे में गंभीरता से सोचें।”
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