वाराणसी में 100 बेड के तिब्बती हॉस्पिटल का उद्घाटन कर सकते हैं पीएम मोदी
प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में बन रहे युथोग सोवा रिग्पा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल का उद्घाटन की तैयारियां तेजी से चल रही हैं. जानकारी के मुताबिक इस हॉस्पिटल का उद्घाटन पीएम मोदी कर सकते है. इस हॉस्पिटल में सिविल कार्य पूरा हो गया है. यह तीन हजार स्वायर मीटर में नौ मंजिला है. 99 करोड़ की लागत से 100 बेड का अत्याधुनिक मेडिकल कॉलेज तैयार हुआ है.
तिब्बती चिकित्सा पद्धति से तैयार …
गौरतलब है कि,मौजूदा स्थिति में चिकित्सीय उपकरण, फर्नीचर, इंटीरियर, बिजली के लिए फीडर का काम अभी बाकी है. इसे जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा. सारनाथ में तिब्बती चिकित्सा पद्धति युथोग सोवा रिग्पा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल का निर्माण करा रही है. यहां सोवा रिग्पा पद्धति में इलाज के साथ शैक्षिक और रिसर्च का काम भी होगा.
इन राज्यों को होगा लाभ…
बता दें कि हॉस्पिटल तैयार हो जाने के बाद यहां पर उत्तर प्रदेश, बिहार, कश्मीर, मुंबई के अलावा भारत के सभी राज्यों में रहने वालों को भी चिकित्सीय लाभ मिलेगा. आयुर्वेद से मिलती-जुलती तिब्बती चिकित्सा पद्धति सोवा रिग्पा में भी असाध्य रोगों का इलाज किया जाता है.
प्रथम चरण में 40 बेड की होगी सुविधा…
केंद्रीय उच्च तिब्बती शिक्षा संस्थान सारनाथ की कुलसचिव डॉ. सुनीता चंद्रा ने बताया कि प्रथम चरण में 40 बेड के साथ अस्पताल शुरू करना प्रस्तावित है. इसमें ऑपरेशन थियेटर, ओपीडी, वार्ड, मर्चरी, 500 लोगों की क्षमता के ऑडिटोरियम, पार्किंग की सुविधा होगी. कुल सचिव ने बताया कि संस्था में अभी छोटा हर्बल गार्डेन है. सोवा रिग्पा पद्धति से इलाज के लिए संस्था औषधियां भी खुद बनाती है. वाराणसी में भी आगे चलकर हर्बल गार्डन बनाने की संभावना है. इससे रोजगार भी उपलब्ध होगा.
मेडिकल कॉलेज में ये मिलेंगी सुविधाएं…
मरीजों की सुविधा के लिए अस्पताल में हेलिपैड प्रस्तावित है. साथ ही सेमिनार, टीचिंग, रिसर्च और मरीजों का इलाज एक साथ करने वाला देश का यह बड़ा सेंटर होगा. ओपीडी, छह कंसल्टेंट रूम (ज्योतिष कंसल्टेंट भी होंगे), एक बड़ा वेटिंग हॉल ,अत्याधुनिक इमरजेंसी, इंटेंसिव केयर यूनिट, ऑपरेशन थियेटर, इंडोर पेशेंट, थेरेपी, फार्मेसी, क्लास रूम, लाइब्रेरी, म्यूजियम, लैब और नक्षत्र शाला होगी.
वाराणसी : कोचिंग जा रही छात्रा को ट्रैक्टर ने कुचला मौत, दो घायल
रिग्पा चिकित्सा पद्धति का इतिहास और महत्व
केंद्रीय उच्च तिब्बती शिक्षा संस्थान के सोवा रिग्पा विभाग के विभागाध्यक्ष तासी दावा ने बताया कि सोवा रिग्पा मूलतः तिब्बत में ही विकसित हुआ है. जो दुनिया की पुरानी और प्रमाणित चिकित्सा पद्धति है. सातवीं से आठवीं शताब्दी के समय में ये विद्या और गहरी हो गई थी. इसमें ग्रीक, भारत, चीन, तिब्बत समेत कई देशों के चिकित्सक विद्वान शामिल हुए थे. तिब्बती चिकित्सा पद्धति चीन के कई प्रांतों, मंगोलिया, रूस, नेपाल, भारत समेत कई देशों तक फैली है.