एक दिन पूरे विश्व के विद्वान जीएसटी पर अध्ययन करेंगे
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को देश की आर्थिक प्रगति को रफ्तार देने के लिए लागू किए गए वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) कानून की सराहना की और कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि एक दिन विश्व निश्चित रूप से भारतीय कर प्रणाली ‘जीएसटी’ का अध्ययन करेगा। उन्होंने कहा कि जिस तेजी से नई कर प्रणाली ने पुरानी कर व्यवस्था की जगह ली है और जिस तेजी से देशवासियों ने जीएसटी के लिए पंजीकरण करवाया है और इसे अपनाया है, इसने पूरे देश में एक नए आत्मविश्वास को जगाया है।
रेडिया पर ‘मन की बात’ कार्यक्रम के दौरान मोदी ने कहा, और एक दिन अर्थव्यवस्था, प्रबंध और प्रौद्योगिकी के विद्वान विश्व के लिए एक मॉडल के रूप में भारत के जीएसटी प्रयोग पर निश्चित रूप से अध्ययन करेंगे और लिखेंगे।
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गौरतलब है कि मन की बात के माध्यम से पीएम देश की जनता को संबोधित करते हैं। यह हर महीने के आखिरी रविवार को प्रसारित होता है। उन्होंने कहा, “यह दुनिया भर के विश्वविद्यालयों के लिए अध्ययन का विषय होगा। इतने बड़े देश के लाखों लोगों की भागीदारी के साथ इतने बड़े स्तर पर इस तरह के असाधारण बदलाव को लागू करना और प्रोत्साहन पाना, अपने आप में सफलता की चरम सीमा है।”
उन्होंने कहा, “विश्व निश्चित रूप से इस पर अध्ययन करेगा।” जीएसटी लागू होने के एक महीने के अंदर हुए फायदों पर प्रकाश डालते हुए मोदी ने कहा कि सामानों का तेजी के साथ परिवहन किया जा रहा है। राजमार्ग भीड़ से मुक्त हो गए हैं और ट्रकों की रफ्तार तेज होने के साथ प्रदूषण का स्तर कम हो गया है।
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मोदी ने इस बात को भी रेखांकित किया कि पहले कई तरह के कर ढांचे के कारण का बहुत ज्यादा समय कागजी कार्यवाही में चला जाता था, जिससे परिवहन और लॉजिस्टिक्स क्षेत्र को नुकसान होता था। कई लोगों से प्राप्त पत्रों को हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि कई सामान और आवश्यक वस्तुएं सस्ती हो गई हैं और इन सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण व्यापारियों के प्रति ग्राहकों का भरोसा बढ़ रहा है।
उन्होंने कहा, “जीएसटी भारत के लोगों की सामूहिक ताकत का एक अच्छा उदाहरण है। यह एक ऐतिहासिक उपलब्धि है।” उन्होंने कहा कि जीएसटी केवल एक कर सुधार भर नहीं, बल्कि एक नई आर्थिक व्यवस्था है, जो ईमानदारी की एक नए संस्कृति को मजबूती देगा। उन्होंने इसे सामाजिक सुधार के लिए एक अभियान बताया।
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