काशी में हुआ अजन्मी बेटियों का पिंडदान, दिया बेटी बचाओ अभियान का संदेश
हर वर्ष करोड़ों अजन्मी बेटियों के भूर्ण की हत्या कर दी जाती है। इन अजन्मी बेटियों का पिछले कई वर्षों से पिंडदान करती आ रही आगमन संस्था ने सोमवार को शहर के दशाश्वमेध घाट पर 5500 अजन्मी बेटियों का पिंडदान किया। इस दौरान आम जान मानस से भूर्ण हत्या न करने का आह्वान किया गया। लगातार गर्भ में मारी जा रही अजन्मी अभागी बेटियों की मोक्ष के लिए मोक्ष की नगरी काशी में मोक्ष दिलाने के लिए जलतर्पण – श्राद्ध कर्म आयोजित किया गया।
गंगा किनारे हुआ तर्पण
गंगा तट पर मिट्टी के बनी वेदी पर पांच हजार पांच सौ पिंड निर्माण कर मन्त्रों से आह्वान कर बारी बारी मृतक को प्रतीक स्वरूप स्थापित करने के बाद मन्त्र के अभिसिंचन से उनके मोक्ष की कामना की गयी। पांच वैदिक ब्राह्मणों द्वारा उच्चारित वेद मंत्रो के बीच श्राद्धकर्ता संस्था के संस्थापक सचिव डॉ संतोष ओझा ने 5500 बेटियों का पिंडदान और जल तर्पण के उपरान्त ब्राम्हण भोजन के साथ आयोजन पूर्ण कराया।
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आगमन संस्था का अभियान
संस्था प्रतिवर्ष पितृ पक्ष के मातृ नवमी को अजन्मी बेटियों का सनातन परम्परा और पुरे विधि विधान से श्राद्ध कर उनके मोक्ष की कामना करती है। बताते चले की ये वो अभागी और अजन्मी बेटी है जिन्हे उन्ही की माता पिता ने इस धरा पर आने से पहले ही सदा सदा के लिए अंधियारे में झोक देते है। इस अनूठे आयोजन के साक्षी समाज के अलग अलग वर्ग के लोग बने जिन्होंने मृतक बच्चियों को पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें अपनी श्रद्धा सुमन भी अर्पित की।