देव दीपावली पर काशी आए लोगों को लौटने में करनी पड़ी मशक्कत
देव दीपावली और कार्तिक पूर्णिमा पर स्नान करने लाखों की संख्या में बनारस आए आये लोग लौटने लगे हैं. इससे खासकर रेलवे स्टेशनों व बस अड्डों पर भारी भीड़ उमड़ पड़ी है. खासकर घाटों से स्टेशन तक को जाने वाले सभी मार्गों पर भारी जाम देखने को मिला. कैन्ट स्टेशन, सिटी स्टेशन और बनारस स्टेशन पर काफी भीड़ रही. कई लोग बस से सवार होकर काशी पहुंचे थे, जिनको राजातालाब स्थित पार्क किया गया था. इस कारण वहां भी जाम की स्थिति उत्पन्न हो गई . ट्रेनों का इंतजार कर रहे लोगों को स्टेशन पर बैठने की जगह नहीं मिल रही. पूरे स्टेशन परिसर में पैर रखने की जगह नहीं थी. कई यात्रियों की ट्रेन सुबह या भोर में शेड्यूल थी, जिसके कारण उन्हें 4-6 घंटो का इंतजार स्टेशन पर ही रुकना करना पड़ा.
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शौचालयों में लघुशंका का प्रयोग करने पर लिया पांच रुपये शुल्क
कैंट स्टेशन पर अपने गनतव्य की वापसी को आई भीड़ का फायदा शौचालय वालों ने खूब उठाया. यात्री हॉल समेत परिसर स्थित शौचालय में यूरिनल का भी पांच-पांच रुपये यात्रियों से वसूला गया. जबकि यूरिनल नि:शुल्क है. कई यात्रियों ने इसको लेकर नाराजगी भी जताई.
ई ट्रेन कहां जाई का
कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान करने वाली महिला यात्रियों की संख्या सबसे अधिक रहीं. पूछताछ काउंटर पर भीड़ होने के चलते बुजुर्ग महिलाएं ट्रेनों के बारे में जानकारी लेती रहीं. बिहार जाने वाली ट्रेनों की पूछताछ सबसे अधिक रही. कभी टीटी तो कभी खानपान स्टाल पर पहुंचकर पूछती रहीं कि ए बचवा…ई ट्रेन बिहार जाई का.. उन्हें सही जानकारी देकर संबंधित प्लेटफार्म भेजा जाता रहा.
घाटों पर आज दिखी मामूली भीड़
घाटों पर देव दीपावली के अगली सुबह साफ-सफाई के साथ नियमित स्नान करने वालों की उपस्थिति रही. घाटों पर लाखों दियों के अलावा सजावट के समान की साफ-सफाई के लिये सफाईकर्मियों को काफी मशक्कत करनी पड़ी. अस्सी, शिवाला समेत सभी घाटों पर साफ-सफाई का कार्यक्रम चलता रहा. इसी बीच कुछ विदेशी पर्यटक भी घाट पर घूमते दिखे. बात करने पर बताया कि कल भीड़ के कारण घाट घूमना नहीं हो पाया था, इसीलिये सुबह घाट को सैर करने निकल पड़े. दूसरी ओर गंगा किनारे घाटों पर अपेक्षाकृत कम भीड़ देखी गई.
चरमरा गई थी सारी व्यवस्था
कार्तिक पूर्णिमा और देव दीपावली में बनारस आए लोगों की भीड़ के कारण कैंट रेलवे स्टेशन पर सोमवार की सुबह पानी की किल्लत हो गई. सुबह से रात तक लगभग 3 लाख यात्रियों की आवाजाही हुई. कैंट स्टेशन पर 500 टोटियों से लगातार पानी की खपत होने और बार-बार पंप चलाने को लेकर पानी की कमी की संकट उत्पन्न हो गई. इससे सुबह से दोपहर तक यात्रियों को इसके लिए परेशान होना पड़ा. शौचालय में पानी नहीं होने से यात्रियों को दिक्कत का सामना करना पड़ा. दोपहर एक बजे के बाद ही पानी का संकट दूर हुआ. बिहार-झारखंड आवाजाही करने वाली ट्रेनें ठसाठस रहीं. वहीं, सर्कुलेटिंग एरिया में पैर रखने तक की जगह नहीं थी. उधर, सिटी स्टेशन और बनारस स्टेशन पर भी काफी भीड़ रही.