UPBoardResult : 150 स्कूलों का रिजल्ट शून्य

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यूपी बोर्ड(UP Board) के 10वीं और 12वीं के रिजल्ट की घोषणा दो दिन पहले हो चुकी है। नकल के खिलाफ सख्ती के चलते इस बार के रिजल्ट में पास हुए छात्रों की संख्या पिछले एक दशक में सबसे कम रही। हैरानी वाला तथ्य यह है कि इस बार 150 स्कूलों के सभी स्टूडेंट्स फेल रहे। इनमें प्राइवेट के साथ-साथ सरकारी स्कूल भी शामिल हैं।

गाजीपुर के 17 स्कूलों का मरिजल्ट जीरो

रिपोर्ट के मुताबिक 10वीं में 98 स्कूलों में कोई भी स्टूडेंट पास नहीं हुआ, वहीं 12वीं में 52 स्कूलों के छात्र अनुत्तीर्ण रहे। ऐसे स्कूलों में गाजीपुर जिला सबसे आगे रहा जहां 17 स्कूलों का रिजल्ट जीरो रहा। वहीं, दूसरे नंबर पर आगरा के 9 स्कूल में एक भी छात्र पास नहीं हुआ। इसके अलावा 237 स्कूलों में 20 फीसदी से भी कम स्टूडेंट्स पास हुए। कुल मिलाकर 10वीं में 75.5 और 12वीं में 72.4 फीसदी स्टूडेंट्स पास रहे जो बीते एक दशक में सबसे कम है।

सेकंडरी शिक्षा विभाग के अनुसार, सरकारी स्कूलों और सहायता प्राप्त स्कूलों में 10वीं की परीक्षा में 72.29 और 71.55 फीसदी बच्चे पास हुए। वहीं स्वयं पोषित स्कूलों में 77.19 फीसदी बच्चों ने हाईस्कूल की परीक्षा पास की। वहीं 12वीं में सरकारी स्कूल और सहायता प्राप्त स्कूलों में 80.69 और 75.14 बच्चों ने परीक्षा पास की। प्राइवेट स्कूलों में यह आंकड़ा 70.48 फीसदी रहा।

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आगरा के 7 स्कूलों में नहीं पास हुआ कोई छात्र

आगरा के स्कूल जिला निरीक्षक विनोद कुमार राय ने बताया, ‘जिले में हाई स्कूल में 7 स्कूलों का रिजल्ट जीरो फीसदी रहा जबकि 12वीं के 2 स्कूलों का रिजल्ट जीरो रहा।’ इस साल इंटरमीडिएट एग्जाम में आगरा जिले में 65.07 फीसदी बच्चे पास रहे जबकि 10वीं में 81.09 फीसदी।

हिंदी में 11 लाख स्टूडेंट्स फेल

यूपी बोर्ड(UP Board) एग्जाम में तकरीबन 11 लाख छात्र मातृभाषा हिंदी में फेल हो गए। इस मामले में 12वीं के छात्रों की संख्या 10वीं से दोगुनी है। सेंकडरी शिक्षा विभाग के अनुसार कुल 11,19,994 छात्र में 3,38,776 छात्र 10वीं में और 12वीं में 7,81,276 छात्र हिंदी में फेल रहे।

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