लोकसभा में आईआईआईटी संबंधित विधेयक पारित
लोकसभा(Lok Sabha) ने बुधवार को एक विधेयक पारित किया, जिसमें मौजूदा 15 भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईआईटी) को राष्ट्रीय महत्ता के संस्थान घोषित करने का प्रावधान है और यह विधेयक उन्हें डिग्री देने में सक्षम बनाता है।
इन संस्थानों की स्थापना सार्वजनिक-निजी भागीदारी के माध्यम से की गई है। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने आईआईआईटी (सार्वजनिक-निजी साझेदारी) विधेयक, 2017 पर चर्चा के जवाब में कहा कि शिक्षा राजनीतिक पक्षपात का मुद्दा नहीं है।
जावड़ेकर ने कहा, “शिक्षा पार्टी और राजनीति का मुद्दा नहीं है। यह राष्ट्रीय नीति से जुड़ा मुद्दा है।”
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विधेयक के मुताबिक, सार्वजनिक-निजी साझेदारी से स्थापित आईआईआईटी को वैधानिक दर्जा देने की जरूरत है और संस्थान को विद्यार्थियों को डिग्री देने के लिए सक्षम बनाने की जरूरत है।
विधेयक में कहा गया है, “मौजूदा पांच आईआईआईटी के विद्यार्थी जुलाई तथा अगस्त 2017 में स्नातक पूरा कर रहे हैं, इसलिए ऐसे संस्थानों को वैधानिक दर्जा प्रदान करने की सख्त जरूरत है।”
मंत्री ने यह भी कहा कि विभिन्न उच्च शैक्षणिक संस्थानों में रिक्तियों को भरने के प्रयास किए जा रहे हैं।जावड़ेकर ने कहा कि जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में बीते 10 वर्षो से अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति से जुड़ी रिक्तियों को नहीं भरा गया है और इन्हें अब भरा जाएगा।
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