मनोहर पर्रिकर की ‘सीट’ में भाजपाइयों को दिलचस्पी नहीं!
केंद्र और प्रदेश सरकार बनने के बाद अपने ‘समायोजन’ के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाने वाले यूपी के बीजेपी नेताओं में राज्यसभा की सीट को लेकर गजब का संतोष भाव दिख रहा है। गोवा का मुख्यमंत्री बनने के बाद मनोहर पर्रिकर के इस्तीफे से खाली हुई राज्यसभा सीट पर उपचुनाव की अधिसूचना गुरुवार को जारी होगी।
बीजेपी ने अब तक उम्मीदवार तय नहीं किया है
इसके बावजूद यूपी के कई नेता अपना नाम आगे बढ़वाने की जगह कटवाने पर जुटे हैं। सबकी नजर ‘मिशन अप्रैल-2018’ पर है। यूपी में राज्यसभा की सीट मनोहर पर्रिकर के रक्षामंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद 2 सितंबर को खाली हुई थी। इसका कार्यकाल 25 नवंबर 2020 तक बचा हुआ है। गुरुवार को अधिसूचना जारी होने के साथ ही नामांकन शुरू हो जाएंगे, लेकिन इस सीट को ‘निर्विरोध’ जीतने की सबसे प्रबल दावेदार बीजेपी ने अब तक उम्मीदवार तय नहीं किया है।
इसलिए बीजेपी वालों को नहीं भा रही सीट
पर्रिकर की सीट से यूपी के बीजेपी वालों के कन्नी काटने के पीछे की सबसे बड़ी वजह आज का अधूरा कार्यकाल बनाम कल के ‘6 साल’ का लालच है। जो भी इस सीट से राज्यसभा सदस्य चुना जाएगा, उसे दो साल से भी कम का कार्यकाल मिलेगा। वहीं, अप्रैल में यूपी में राज्यसभा की 10 सीटें खाली हो रही हैं। इनमें से संख्या बल के हिसाब से बीजेपी के 8 सदस्यों का राज्यसभा पहुंचना तय है।
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दूसरे राज्यों में बीजेपी की रणनीति देखें तो पार्टी उस समय 9वीं सीट के लिए भी अपना दावा ठोंकेगी। ऐसे में यहां के नेताओं की नजर मिशन अप्रैल-2018 पर लगी है, जिसके लिए अब मुश्किल से तीन महीने बचे हैं। उस समय जो चुनकर जाएगा उसके पास 6 साल का कार्यकाल होगा। इसके एक-तिहाई वक्त के लिए कोई राज्यसभा जाकर यह मौका गंवाना नहीं चाहता।
हरदीप सिंह पुरी के खाते में जाएगी सीट!
सितंबर के पहले सप्ताह में हुए केंद्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार में हरदीप सिंह पुरी और अलफोंस कन्ननाथम मंत्री बनाए गए थे। ये दोनों किसी भी सदन के सदस्य नहीं थे। नियमानुसार 6 महीने के भीतर संसद के किसी भी सदन का सदस्य होना जरूरी है। इस अर्हता को पूरा करने में महज पांच सप्ताह का वक्त बचा है। वेंकैया नायडू के उपराष्ट्रपति बनने के बाद राजस्थान से उनकी खाली हुई सीट पर अलफोंस पिछले महीने निर्विरोध निर्वाचित हो चुके हैं। अब आवास एवं शहरी विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हरदीप सिंह पुरी का समायोजन बचा है। ऐसे में पूरी संभावना है कि यूपी की इस सीट से हरदीप को ही राज्यसभा भेजा जाएगा। हालांकि, बीजेपी इनके लिए कोई और विकल्प देखती है तो पूर्व प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी, पूर्व राज्यसभा सांसद जुगल किशोर, राष्ट्रीय महामंत्री अनिल जैन में भी किसी के नाम पर विचार हो सकता है।
यह है चुनाव कार्यक्रम
अधिसूचना : 29 दिसंबर
नामांकन : 5 जनवरी
पर्चे की जांच : 6 जनवरी
नाम वापसी : 08 जनवरी
चुनाव : 16 जनवरी
(साभार-एनबीटी)