रोडवेज बसों में लगे पैनिक बटन, डायल 112 से कनेक्ट में दिक्कत
उत्तर प्रदेश की रोडवेज बसों में पैनिक बटन में तकनीकी दिक्कत से ये डायल 112 से कनेक्ट नहीं हो पा रहे हैं.
उत्तर प्रदेश की रोडवेज बसों में पैनिक बटन तो लगा दिए गए हैं, लेकिन तकनीकी दिक्कत से ये डायल 112 से कनेक्ट नहीं हो पा रहे हैं. इससे सेवा शुरू होने में वक्त लगेगा. सूत्रों के मुताबिक परिवहन विभाग की मानें तो अब तक कुल पांच हजार बसों में पैनिक बटन लगाए जा चुके हैं और बाकी 17 सौ बसों में भी इन्हें जल्द ही लगा दिया जाएगा.
पैनिक बटन की जरूरत
खासतौर पर महिला यात्रियों की मदद के लिए परिवहन निगम रोडवेज बसों में व्हीकल लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस व पैनिक बटन लगवा रहा है. इसके लिए निर्भया फंड से धन आवंटित किया गया है. बसों में पैनिक बटन लगाने के साथ ही मुख्यालयों पर कमांड कंट्रोल सेंटर भी बनाए गए हैं.
112 से कनेक्ट होने में दिक्कतों को जल्द दूर किया जाएगा
रोडवेज के पास 9700 बसों का बेड़ा है. इसमें पांच हजार बसों में पैनिक बटन लगा दिए गए हैं. शेष बसें अगले साल निगम के बेड़े से हटा दी जाएंगी, इसलिए उनमें यह सिस्टम नहीं लगाया जा रहा है.
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बेड़े में आईं तीन हजार नई बसों में पहले से ही पैनिक बटन लगे हैं. परिवहन निगम के कहा कि डायल 112 से कनेक्ट होने में दिक्कतों को दूर करने पर काम हो रहा है. जल्द ही इसे दूर कर लिया जाएगा.
ऐसे मिलेगी मदद
रोडवेज बस में यात्रा के दौरान जरूरत पड़ने पर यात्री जब पैनिक बटन दबाएंगे तो इसकी सूचना परिवहन मुख्यालय पर बने कमांड कंट्रोल सेंटर को जाएगी. यहां से सूचना तत्काल क्षेत्रीय पुलिस को डायल 112 के जरिए दी जाएगी, जिससे पुलिस मौके पर पहुंचकर यात्री की मदद करेगी.
क्या होता है पैनिक बटन
अधिकारियों का कहना है कि बस में लगा पैनिक बटन दबाते ही 10 से 15 मिनट में पुलिस पहुंच जाएगी. इसी के साथ विभाग को भी सूचना पहुंचेगी. लाल रंग का पैनिक बटन बस में सभी सीट के ऊपर लगा होता है.
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बटन को तीन सेकंड तक दबाना होता है. इसके बाद मैसेज और बस की लाइव लोकेशन रोडवेज के कंट्रोल एंड कमांड सेंटर को मिलती है. रोडवेज के कंट्रोल सेंटर से मैसेज की सत्यता जांचने के बाद अभय कमांड कंट्रोल और स्टेट इमरजेंसी रेस्पॉन्स सिस्टम पर बस की लाइव लोकेशन और मैसेज भेजा जाता है.