पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ का लंबी बीमारी के चलते दुबई में निधन
पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ (रिटायर्ड) का लंबी बीमारी के बाद दुबई के एक अस्पताल में निधन हो गया है. रविवार को पाकिस्तान जियो न्यूज ने इस खबर की पुष्टि की है. 79 वर्षीय मुशर्रफ एमिलॉयडोसिस नामक बीमारी से पीड़ित थे. जिसके चलते वे कई महीने से अस्पताल में भर्ती थे.
Former President of Pakistan, General Pervez Musharraf (Retd) passes away after a prolonged illness, at a hospital in Dubai: Pakistan's Geo News pic.twitter.com/W1fGRVb6xZ
— ANI (@ANI) February 5, 2023
उनके परिवार ने ट्विटर पर जानकारी देते हुए कहा था कि वे एमिलॉयडोसिस नाम की बीमारी से जूझ रहे हैं, जिसके चलते उनके सभी अंगों ने काम करना बंद कर दिया है. अब रिकवरी की भी कोई गुंजाइश बाकी नहीं है. एमिलॉयडोसिस नामक बीमारी में इंसान के शरीर में एमिलॉयड नाम का असामान्य प्रोटीन बनने लगता है. यह दिल, किडनी, लिवर, नर्वस सिस्टम, दिमाग आदि अंगों में जमा होने लगता है, जिस वजह से इन अंगों के टिशूज ठीक से काम नहीं कर पाते.
वर्ष 1965 के युद्ध में परवेज मुशर्रफ ने भारत के खिलाफ लड़ाई लड़ी, जिसमें पाकिस्तान हार गया. इसके बावजूद बहादुरी से लड़ने के लिए पाक सरकार की तरफ से मुशर्रफ को मेडल दिया गया. वर्ष 1971 के युद्ध में भी परवेज मुशर्रफ की महत्वपूर्ण भूमिका रही, जिसे देखते हुए पाक सरकार ने उन्हें कई बार प्रमोट किया. वर्ष 1998 में तत्कालीन पाक पीएम नवाज शरीफ ने परवेज मुशर्रफ पर भरोसा करके उन्हें पाकिस्तानी सेना का प्रमुख बनाया. भारत के साथ कारगिल की जंग के लिए परवेज मुशर्रफ को ही जिम्मेदार ठहराया जाता था. उन्होंने भारत के खिलाफ कारगिल की साजिश रची. लेकिन इसमें वे बुरी तरह से असफल रहे.
वर्ष 1999 में जनरल परवेज मुशर्रफ ने नवाज शरीफ का तख्तापलट कर दिया और पाकिस्तान के तानाशाह बन गए. उनके सत्ता संभालते ही नवाज शरीफ को परिवार समेत पाकिस्तान छोड़ना पड़ा था. परवेज मुशर्रफ ने वर्ष 1999 से 2008 तक पाकिस्तान पर शासन किया था. 20 जून, 2001 से 18 अगस्त, 2008 तक परवेज मुशर्रफ पाकिस्तान के राष्ट्रपति रहे. सत्ता में रहते हुए जनरल मुशर्रफ ने बलूचिस्तान में आजादी की मांग करने वालों के साथ काफी बुरा सुलूक किया था. इसमें सैकड़ों लोगों की हत्या कर दी गई थी.
इतना ही नहीं, परवेज मुशर्रफ को फांसी की सजा भी सुनाई गई थी. पाकिस्तान के इतिहास में पहली बार पेशावर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस वकार अहमद सेठ की अध्यक्षता में विशेष अदालत की 3 सदस्यीय पीठ ने ऐसी सजा सुनाई. 3 नवंबर, 2007 को देश में इमरजेंसी लगाने और दिसंबर, 2007 के मध्य तक संविधान को निलंबित करने के जुर्म में परवेज मुशर्रफ पर दिसंबर, 2013 में देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किया गया था.
अप्रैल, 2013 में नवाज शरीफ सरकार ने उनकी अंतरराष्ट्रीय यात्राओं पर बैन लगा दिया था. मुशर्रफ को 31 मार्च, 2014 को दोषी ठहराया गया था. हालांकि, परवेज मुशर्रफ ने 18 मार्च, 2016 को पाकिस्तान छोड़ दिया था. देश छोड़ने की वजह खराब सेहत बताई थी. मार्च, 2016 में पाकिस्तान की कोर्ट ने देशद्रोह के आरोपों का सामना कर रहे परवेज मुशर्रफ को भगोड़ा घोषित किया था.
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