हिंदू धर्म में भगवान विष्णु की पूजा सभी कष्टों को दूर करने वाली और मनोकामनाएं पूरी करने वाली मानी जाती है. हर माह के कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष में आने वाली एकादशी तिथि श्रीहरि की पूजा के लिए बहुत शुभ मानी जाती है. पंचांग के अनुसार इस वर्ष मलमास में पद्मिनी एकादशी का व्रत अत्यंत पुण्यदायी हो गया है. हिंदू मान्यता के अनुसार, इस शुभ संयोग में जो भी साधक पूरी श्रद्धा, आस्था और नियम के साथ भगवान विष्णु का यह पवित्र व्रत रखता है, उसे जीवन से जुड़े सभी सुख और सौभाग्य प्राप्त होते हैं.
पद्मिनी एकादशी व्रत की पूजा का शुभ मुहूर्त…
पद्मिनी एकादशी व्रत के शुभ प्रभाव से उसके जीवन से जुड़े सभी कष्ट पलक झपकते दूर हो जाते हैं. आइए श्री हरि की कृपा बरसाने वाली पद्मिनी एकादशी की पूजा विधि एवं शुभ मुहूर्त के बारे में जानते हैं. पंचांग के अनुसार इस साल अधिक मास में पड़ने वाली पद्मिनी एकादशी का व्रत 29 जुलाई 2023 को दो बड़े शुभ योग में रखा जाएगा. पंचांग के अनुसार इस दिन 29 जुलाई 2023 की सुबह 09.34 बजे तक ब्रह्म योग तथा 09.34 बजे से 30 जुलाई 2023 यानि पारण वाले दिन प्रात:काल 06.33 बजे तक इंद्र योग रहेगा. पंचांग के अनुसार पद्मिनी एकादशी व्रत का पारण 30 जुलाई 2023 को प्रात:काल 05:41 से 08:24 के बीच किया जा सकेगा.
पद्मिनी एकादशी व्रत की विधि…
पद्मिनी एकादशी व्रत वाले दिन व्यक्ति को सुबह सूर्योदय से पहले उठकर स्नान-ध्यान करने के बाद सबसे पहले भगवान सूर्यनारायण को जल दें और उसके बाद इस व्रत को विधि-विधान से करने का संकल्प लें. इसके बाद साधक को घर के ईशान कोण में भगवान विष्णु की फोटो या मूर्ति को एक चौकी पर पीला कपड़ा बिछाकर रखना चाहिए. इसके बाद पीले पुष्प, पीले फल, धूप, दीप, चंदन, तुलसी आदि चढ़ाकर विधि-विधान से उनकी पूजा एवं एकादशी व्रत की कथा का पाठ करना चाहिए. इसके बाद आरती करें और फलहार का सेवन करते श्री हरि के मंत्र का मन ही मन में जप करना चाहिए. पद्मिनी एकादशी व्रत पारण के बगैर अधूरा माना जाता है, इसलिए इसके अगले दिन शुभ मुहूर्त में विधि-विधान से पारण जरूर करें.
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