गंगा के बढ़े पानी से मचा हाहाकार, श्री काशीधाम संग कई रिहायशी इलाके डूबे

लस्तर में बढ़ाव के कारण पहले ही गंगा किनारे 84 घाटों का आपसी संपर्क टूट चुका है.

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गंगा का जलस्तर लगातार तीन दिनों से बढ़ रहा है. इसके साथ ही बाढ़ के पानी के फैलाव को देखते हुए लोगों की धड़कनें भी तेज होती जा रही है. जलस्तर में बढ़ाव के कारण पहले ही गंगा किनारे 84 घाटों का आपसी संपर्क टूट चुका है. श्रीकाशी धाम समेत रामनगर के किला में भी बाढ़ की पानी ने अपनी पैठ जमा ली है. जलस्तर के बढ़ाव के कारण अस्सी घाट के गली में रहने वाले लोग नाव का सहारा ले रहे हैं. शवदाह और गंगा आरती गली व छतों पर हो रही है. दूसरी ओर गंगा के पलट प्रवाह से वरुणा पार के निचले इलाकों में घुस चुके पानी के चलते लोगों ने पलायन कर लिया है.

चेतावनी बिंदु पार कर चुकी है गंगा

बनारस में मौजूदा समय मे केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक दोपहर एक बजे तक गंगा 70.28 मीटर पर बह रही थीं. बढ़ते जलस्तर के कारण जल पुलिस द्वारा गंगा में नौका का संचालन पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगा दिया गया है. इस साल गंगा के जलस्तर में यह बढ़ाव छठवीं बार हो रहा है. ऐसे में जिला प्रशासन ने बाढ़ चौकियों और एनडीआरएफ को अलर्ट मोड पर रखा है.

शवदाह करने वालों की बढ़ी मुसीबत

बाढ़ के कारण शवदाह करने वालों की मुश्किलें बढ़ गई हैं. हरिश्चंद्र घाट पर जहां गलियों में शवदाह हो रहा है, वहीं मणिकर्णिका घाट की छत पर इसे किसी तरह संपन्न रहा है. मणिकर्णिका घाट पहुंचने की गलियों में घुसे बाढ़ के पानी के चलते लोगों को शवदाह के लिए कम से कम पांच से छह घंटे का इंतजार करना पड़ रहा है.

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हरिश्चंद्र घाट का शवदाह स्थल डूबने के कारण गलियों में शवदाह के लिए लाइन लग रही है. नमो घाट पर बना नमस्ते का चिह्न भी पानी में आधे से अधिक डूब चुका है. गंगा का जलस्तर रमना में दाह संस्कार स्थल के करीब पहुंच गया है.

बस्तियों में पानी घुसने को आतुर

गंगा के जलस्तर में इसी रफ्तार से बढ़ाव जारी रहा तो कुछ ही घंटों में बाढ़ का पानी नालों के रास्ते लंका के तरफ की बस्तियों में घुसने लगेगा. अस्सी नाले से पानी बढ़ने पर कैवल्य धाम, साकेत नगर, रोहित नगर, बटुआ पुरा के नाले के किनारे वाले इलाके प्रभावित होंगे. मारुति नगर, पटेल नगर, रत्नाकर विहार और काशी पुरम की आबादी में भी बाढ़ का पानी घुस सकता है.

वरुणा किनारे को लोग बाढ़ चौकियों संग सड़क किनारे लिए शरण

दूसरी ओर गंगा में बाढ़ का रौद्र रूप वरुणा नदी में पलट प्रवाह के रूप में सामने आया है. नक्हीघाच बघवानाला , हुकुलगंज, सलारपुर, पुराना पुल, वरुणा पार के इलाकों में पानी ले कहर ढा दिया है. यहां हालत यह रही कि राते में सोए लोग जब उठे तो अपने घरों को पानी से घिरा पाया.

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किसी तरह जरूरी सामान लेकर लोग प्रशासन द्वारा स्थापित बाढ़ चौकियों में शरण लिए हुए हैं. कचहरी जाने वाले मार्ग वरुणा किनारे मार्ग पर सैकड़ों लोगों ने सड़क किनारे शरण ले रखा है.

मच सकती है तबाही

बता दें कि मौजूदा हालात से पूर्व गंगा का जलस्तर 2012 में 17 सितंबर को 68.17 मीटर और 2015 एक अगस्त को 68.79 मीटर, 2020 में चार सितंबर को 68.67 मीटर तथा 2023 में चार अगस्त को जलस्तर 68.30 मीटर पहुंचा था. इस बार गंगा के रौद्र रूप को देख लोग कहने से नहीं चूक रहे हैं कि यह संकेत तो नहीं है कि कहीं 2015 और 2020 वाली बाढ़ न आ जाए.

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