गैंगरेप आरोपितों के तार सत्ता से जुड़े होने की खबर से विपक्षी हुए हमलावर
काशी हिंदू विश्वविद्याल (बीएचयू) आईआईटी की छात्रा के साथ बहुचर्चित गैंगरेप की घटना में तीन आरोपितों की साल के अंतिम दिन गिरफ्तारी और उनके सत्ताधारी दल से जुड़े होने की खबरों के आने के बाद विपक्षी हमलावर हो गये हैं. हालांकि एक नवम्बर को हुई इस शर्मनाक घटना के बाद छात्र आंदोलनों ने पहले ही राजनीति रंग पकड़ लिया था. एक तरफ भाजपा की छात्र इकाई एबीवीपी ने तो दूसरी ओर आइसा और कांग्रेस की छात्र इकाईयों ने मोर्चा खोल दिया था. आंदोलन के दौरान ही एबीवीपी और बामपंथी दलों की छात्र इकाई आमने-सामने हो गई. मुकदमें तक दर्ज हो गये. इस मामले को लेकर यह आरोप भी लगे की असल मुद्दे से भटकाने के लिए इस तरह के हथकंडे अपनाए गए. खैर जो भी हो अब विपक्षी दलों के नेता मुखर हो गये हैं, वहीं प्रदेश सरकार के मंत्री रविंद्र जायसवाल ने कहा है कि आरोपित चाहे जो हों उन्हें उनके किये की सजा मिलनी चाहिए.
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महिला सशक्तिकरण भाजपा का महज दिखावा-आशुतोष सिन्हा
समाजवादी पार्टी के एमएलसी आशुतोष सिन्हा ने छात्रा से गैंगरेप में गिरफ्तार आरोपितों को कड़ी सजा की मांग करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश अपराध प्रदेश बन चुका है. इसके जिम्मेदार भाजपा नेता ही हैं. भाजपा सरकार में महिला सशक्तिकरण के नारे, ’नारी-वन्दन’, एंटी रोमियो और ’बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ’ केवल हवा-हवाई है. महिला सशक्तिकरण का दिखावा करने वाली भाजपा का असली चेहरा पुनः जनता के सामने आ गया है. इस प्रकरण के आरोपित पहले भी कई बार सामने आए थे लेकिन उन्हें सत्ताधीशों द्वारा बचाया जाता रहा. एमएलसी ने कहा कि कुणाल पाण्डेय, सक्षम सिंह पटेल और एक अन्य आरोपित ने बीएचयू के बाहर एक छात्रा को गनप्वाइंट पर रखकर दुष्कर्म किया. घटना के बाद 60 दिन तक खुलेआम घूमते रहे. भाजपा के विभिन्न पार्टी स्तरीय आयोजनों में सम्मिलित होते रहे. इससे पता चलता है कि महामना की बगिया में दुस्साहस दिखाने वाले बलात्कारियों को संरक्षण मिल रहा था. इसी कारण उनके हौसले बुलंद थे. उन्होंने आरोप लगाया कि शीर्षस्थ नेताओं के संरक्षण के कारण इन्हें अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया था. समाजवादी पार्टी और छात्रों का सामूहिक प्रयास रंग लाया, जिससे इनकी गिरफ़्तारी हो पाई. भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के साथ आरोपितो की तस्वीरें बहुत कुछ बयां कर रही हैं. पीएम के संसदीय क्षेत्र में ही बेटियां सुरक्षित नहीं हैं, तो पूरे प्रदेश की कानून व्यवस्था का क्या हाल होगा.
फास्ट ट्रैक कोर्ट में चले मुकदमा, मिले कड़ी सजा
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मंत्री अजय राय ने कहाकि आरोपित सत्ताधारी पार्टी के आईटी सेल से जुड़े रहे. दूसरों के चाल, चरित्र और चेहरे पर सवाल उठानेवाली पार्टी से जुड़े लोगों की घिनौनी करतूत जनता के सामने है. आरोपितों की पहचान के बावजूद करीब 60 दिनों तक उनकी गिरफ्तारी नही हुई. क्या यही सत्ता का चेहरा है? उन्होंने कहाकि इस मामले की फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई होनी चाहिए. आरोपितों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए.
दुष्कर्मियों को मिले कठोर सजाः मनोज राय
समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता और पूर्व राज्यमंत्री मनोज राय धूपचंडी ने बीएचयू आईआईटी की छात्रा से गैंगरेप में गिरफ्तार तीनों आरोपितों को कठोर सजा की मांग की है. पूर्व मंत्री ने कहा कि आरोपितों के सत्ता से जुड़े होने की खबर से जनता के विश्वास को गहरा अघात लगा है. ’नारी-वन्दन’ का दिखावा करने वाली भाजपा का असली चेहरा पुनः सामने आ गया है. आरोपी पहले ही सामने आ गए थे लेकिन उन्हें बचाया जाता रहा. पुलिस के ऊपर दबाव था कि इन्हें गिरफ्तार ना किया जाय. जबकि विपक्ष गिरफ्तारी के लिए दबाव बनाता रहा. सरकार में बेटियों सुरक्षित नहीं हैं. देश व प्रदेश की कानून व्यवस्था राम भरोसे चल रही है.