धर्मांतरण के ऑनलाइन गेम का पर्दाफाश, खेल खेल में बदला जा रहा मजहब….
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से सटे यूपी के गाजियाबाद में धर्मांतरण कराने वाले एक ऐसे रैकेट का पर्दाफाश हुआ है, जिसने सुरक्षा एजेंसियों की नींद उड़ा दी है. इस रैकेट के निशाने पर खासतौर पर नाबालिग थे. इनके निशाने पर ऐसे नाबालिग होते थे. जिन्हें ऑनलाइन गेमिंग की एक तरह से लत लगी हुई थी। गेमिंग की आड़ में उनका ब्रेनवॉश किया जाता था. उसे जाकिर नाइक जैसे कट्टरपंथी मुस्लिम उपदेशकों के भाषण सुनाए जाते थे और फिर उनका धर्म परिवर्तन कराया जाता था।
बीते दिनों गाजियाबाद के एक हिंदू परिवार ने अपने नाबालिग बच्चे की हरकत पर शक करने के बाद जब इसके बारे में पता किया तो उनके होश उड़ गए. उनका बेटा रोज झूठ बोलकर पांच वक्त की नमाज अदा करने बाहर जाया करता था. परिवार ने फौरन इसकी शिकायत पुलिस में की। इस मामले की जांच में जुटी पुलिस ने धर्मांतरण करने वाले बड़े रैकेट का पर्दाफाश करते हुए गाजियाबाद के सेक्टर 23 स्थित जामा मस्जिद के सदस्य अब्दुल रहमान उर्फ नन्नी को गिरफ्तार…
जांच में जुटी IB….
गाजियाबाद पुलिस ने जब इस पूरे गिरोह के करतूतों का पर्दाफाश किया तो लखनऊ से लेकर दिल्ली तक में हड़कंप मच गया. सोमवार को केंद्रीय गृह मंत्रालय और लखनऊ स्थित मुख्यमंत्री कार्यालय ने इस मामले की विस्तृत जानकारी गाजियाबाद पुलिस से मांगी है. गिरोह का जाल देशभर में फैले होने की मिलने के बाद इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) ने अपनी ओर से मामले की तहकीकात शुरू कर दी है।
सरगना को पकड़ने के लिए यूपी पुलिस ने महाराष्ट्र में डाला डेरा….
गाजियाबाद पुलिस ने अपनी जांच में पाया कि धर्मांतरण के इस रैकेट का सरगना शाहनवाज उर्फ बद्दो है. जो महाराष्ट्र का रहने वाला है. बद्दो ऑनलाइन गेमिंग में रमे रहने वाले नाबालिगों को टारगेट करता था। वह अपनी असली पहचान छिपाकर रखता था। शाहनवाज ‘बद्दो’ नाम की फर्जी आईडी के जरिए हिंदू, जैन एंव अन्य गैर मुस्लिम नाबालिगों से संपर्क करता और फिर ऑनलाइन गेम खिलाने की आर में उसे कुरान और और इस्लाम में भरोसा करना सिखाता था. डीसीपी सिटी जोन निपुण अग्रवाल ने बताया कि मुख्य सरगना की गिरफ्तारी के लिए गाजियाबाद से एक पुलिस टीम को ठाणे रवाना कर दिया गया है. महाराष्ट्र पुलिस से भी मदद मांगी गई।
धर्मांतरण के तीन स्टेप….
पुलिस ने इस केस में तीन पीड़ित बच्चों से पूछताछ की है. इसमें पता चला है कि धर्मांतरण के तीन स्टेप थे. नाबालिगों को फंसाने के लिए पहले स्टेप में कुछ मुस्लिम लड़के फर्जी आईडी बनाकर कम्प्यूटर और मोबाइल पर फोर्ट नाइट ऐप पर गैर मुस्लिम बच्चों के साथ गेम खेलते थे. साजिश के तहत, जब हिंदू लड़के गेम हार जाते थे तो उन्हें गेम जीतने के लिए वह आयातें पढ़ने को कहते थे और उन्हें गेम जिताकर विश्वास और भरोसा दिलाकर इस्लाम में भरोसा कायम करवाते थे.
साजिश के दूसरे स्टेप में कुछ मुस्लिम लड़के डिसकॉर्ड ऐप पर हिंदू यूजर आईडी बनाकर हिंदू नाबालिग लड़कों से चैट करते थे. इसके माध्यम से गैर मुस्लिम लड़कों को बहला-फुसलाकर इस्लाम के रीति-रिवाजों को अपनाने के लिए उकसाते थे.
ऑनलाइन गेम खेलकर नाबालिग बच्चों का करवाया धर्मांतरण…..
गाजियाबाद पुलिस ने अपनी जांच में पाया कि इस रैकेट ने अभी तक चार नाबालिगों का धर्मपरिवर्तन कराया है. इनमें से दो गाजियाबाद, एक चंडीगढ़ और एक हरियाणा का रहने वाला है. गाजियाबाद के जिस जामा मस्जिद का सदस्य अब्दुल रहमान उर्फ नन्नी है, उस मस्जिद के अन्य सदस्यों की भूमिका की भी जांच की जा रही है. गाजियाबाद में एक अन्य नाबालिग जिसका धर्म परिवर्तन कराया गया है. वो जैन समुदाय से आता है।…
लिहाजा यूपी अल्पसंख्यक आयोग ने इसका संज्ञान लेते हुए 12 जून तक डीजीपी को रिपोर्ट पेश करने को कहा है. इस मामले में एजेंसियां फॉरेन फंडिंग की भी जांच रही है। पुलिस को उम्मीद है कि सरगना शाहनवाज मकसूद की गिरफ्तारी से इस मामले में अहम जानकारी मिल सकती है. कितने नाबालिगों का अब तक धर्मांतरण हो चुका है…
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