आज चैत्र नवरात्रि का आखिरी दिन है. आज मां सिद्धिदात्री की पूजा होगी. माता सिद्धिदात्री नवदुर्गा का नौवां स्वरूप है. इनकी पूजा-उपासना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. और अगर नवमी के दिन केवल माता सिद्धिदात्री का पूजन किया जाए तो व्यक्ति को संपूर्ण देवियों की पूजा का फल मिलता है. इस दिन कमल के फूल पर बैठी हुई देवी का ध्यान करें. माता सिद्धिदात्री के पास अणिमा, महिमा, प्राप्ति, प्रकाम्य, गरिमा, लघिमा, ईशित्व और वशित्व नामक आठ सिद्धियां मौजूद है. आइए जानते हैं माता सिद्धिदात्री की पूजन विधि और उपाय.
महानवमी 2023 मां सिद्धिदात्री पूजा मुहूर्त…
पंचांग के अनुसार, 29 मार्च बुधवार को रात 09 बजकर 07 मिनट से चैत्र शुक्ल नवमी तिथि का प्रारंभ हुआ है और आज 30 मार्च को देर रात 11 बजकर 30 मिनट तक नवमी तिथि है. आज पूरे दिन सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग है. इन दोनों ही योग में महानवमी की पूजा करना शुभ फलदायी है.
मां सिद्धिदात्री की पूजा विधि…
आज प्रात: स्नान के बाद मां सिद्धिदात्री की मूर्ति या तस्वीर को स्थापित करें. फिर उनको गंगाजल से स्नान कराकर वस्त्र अर्पित करें. सिंदूर, अक्षत्, फूल, माला, फल, मिठाई आदि चढ़ाएं. मां सिद्धिदात्री को प्रसन्न करने के लिए तिल का भोग लगाएं और कमल का फूल अरर्पित करें. इस दौरान आपको ओम देवी सिद्धिदात्र्यै नमः मंत्र का उच्चारण करना चाहिए. इसके बाद मां सिद्धिदात्री की आरती करें. इस पूजन के बाद हवन करें और कन्या पूजा करें. कन्या पूजा के बाद आप प्रसाद ग्रहण करके व्रत का पारण करें.
कौन हैं मां सिद्धिदात्री….
देवी भागवत पुराण की कथा के अनुसार, भगवान शिव ने 8 सिद्धियों की प्राप्ति के लिए मां सिद्धिदात्री की पूजा की. उनके ही प्रभाव से भगवान शिव का आधा शरीर देवी का हुआ था. तब भगवान शंकर का वह रूप अर्द्धनारिश्वर कहलाया. लाल वस्त्र धारण करने वाली मां सिद्धिदात्री कमल पर विराजती हैं. वे अपने चारों हाथों में शंख, चक्र, गदा ओर कमल पुष्प धारण करती हैं.
मां सिद्धिदात्री की पूजा के फायदे…
1. मां सिद्धिदात्री की आराधना करने से व्यक्ति को 8 सिद्धियां और 9 प्रकार की निधियां मिल सकती हैं.
2. मां सिद्धिदात्री की कृपा से व्यक्ति को मोक्ष मिलता है. वह मानव जीवन के जन्म मरण चक्र से मुक्त हो जाता है.
3. मां सिद्धिदात्री के आशीर्वाद से रोग, ग्रह दोष आदि दूर हो जाते हैं. किसी भी व्यक्ति के साथ कोई अनहोनी नहीं होती है.