यूपी सरकार ने कसा शिकंजा मनमानी करने वाले बिल्डरों पर
नोएडा और ग्रेटर नोएडा में फ्लैट खरीदारों के लिए अच्छी खबर है। बिल्डरों की मनमानी से तंग आ कर अब यूपी सरकार ने पुलिस को बिल्डरों (builders) के खिलाफ सख्त करवाई करने के आदेश दिए हैं। सरकार के फैसले के बाद अब प्राधिकरण के अधिकारी ऐसे बिल्डरों की लिस्ट तैयार कर रहे हैं जिन्होंने तय वक़्त पर ग्राहकों को फ्लैट नहीं दिए हैं। बरहाल यूपी सरकार ने ऐसे बिल्डरों के खिलाफ सख्त करवाई का मन बनाया है जो लोगों को धोखा दे रहे हैं। नोएडा ग्रेटर नोएडा यमुना प्राधिकरण के साथ हुई एक मीटिंग में ये तय हुआ है कि जो बिल्डर तय समय पर लोगों को फ्लैट नहीं देंगे वो अब सलाखों के पीछे जाएंगे। हालांकि सरकार के तीखे रुख के बाद बिल्डर्स का दावा है कि वो किसी भी ग्राहक के साथ धोखाधड़ी नहीं कर रहे हैं।
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बिल्डरों पर लगेगी लगाम
वैसे तय समय में ग्राहकों को फ्लैट नहीं देने का बिल्डरों का पुराना मामला है। बिल्डरों पर लगाम लगाने के लिए यूपी सरकार के मंत्री सुरेश खन्ना और सतीश महाना ने अगस्त 2017 में एक कमेटी बनाई थी। जिसके बाद बिल्डरों ने सरकार को भरोसा दिलाया कि दिसंबर 2017 तक वो 50 हज़ार फ्लैट खरीदारों को सौप देंगे। हालांकि अभी भी सिर्फ करीब 32 हज़ार फ्लैट ही दिसंबर तक तैयार होने की हालत में हैं।
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डेढ़ लाख फ्लैट पर खरीदारों को नही मिला कब्जा
रिपोर्ट के मुताबिक नोएडा और ग्रेटर नोएडा में तकरीबन दो लाख फ्लैट निर्माणाधीन हैं। इसमें से डेढ़ लाख फ्लैट का कब्जा अब तक खरीदारों को मिल जाना चाहिए था। लेकिन अभी भी बिल्डर फ्लैट को खरीदारों को देने की हालत में नहीं हैं। सोमवार को दिल्ली में हुई मीटिंग में अधिकारियों ने बताया कि नोएडा में अगस्त 2017 से अब तक बिल्डरों को 5,771 कंप्लीशन सर्टिफिकेट्स जारी किये गए हैं। इनमें 5670 फ्लैट्स नवंबर महीने में डिलिवर हो चुके हैं। इनके अलावा 3,791 फ्लैट्स को साल के आखिर तक डिलिवर करने के लिए काम जोरों पर है।
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जाचं कर सबको मिलेगे फ्लैट
ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी ने 4,529 फ्लैट्स के पजेशन दे दिए। करीब 9,671 फ्लैट्स में 90 प्रतिशत से ज्यादा काम हो चुका है। ग्रेटर नोएडा के करीब 5,000 फ्लैट्स को जनवरी 2018 तक तैयार कर लिए जाने पर जोर दिया जा रहा है। इस बीच बिल्डर्स ये दावा कर रहे हैं कि सरकार से अगर मदद मिले तो वो समय से अपने प्रोजेक्ट पूरा कर लेंगे। हालांकि ग्रेटर नोएडा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी का कहना है कि बिल्डरों की मनमानी को ले कर जांच की जा रही है। इस बात पर जोर दिया जा रहा है कि समय पर सबको फ्लैट मिल सके।
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छह बिल्डरों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज
हालांकि पुलिस को ये निर्देश जरूर दिए गए हैं कि बिल्डरों के खिलाफ करवाई की जाए. ऐसे में पुलिस प्राधिकरण के उस लिस्ट का इंतज़ार कर रही जिसमे डिफाल्टर बिल्डरों की जानकारी है। सितंबर महीने में छह बिल्डरों के खिलाफ धोखाधड़ी के करीब 13 मामले दर्ज किए गए थे। इसके बाद दिसंबर 2017 तक 50,000 मकानों की डिलिवरी देने का बिल्डर्स ने वादा किया था। लेकिन अभी तक सिर्फ करीब 32 हज़ार फ्लैट की पोजेशन देने की हालत में हैं। ऐसे में अगर अब लोगों का घर नहीं मिलता है तो पुलिस इनके खिलाफ सख्त करवाई करेगी।