OMG! सार्वजनिक सभा में राज्य मंत्री ने पी शराब, क्या बढ़ेगी मुश्किलें ?

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Gujarat minister accidentally : मौका विश्व आदिवासी दिवस का था, गुजरात के नर्मदा जिले में इस खास मौके पर बड़ी जनसभा का आयोजन किया था । इसके साथ इस कार्यक्रम से एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। दरअसल, आदिवासी दिवस के अवसर पर गुजरात के नर्मदा जिले के डेडियापाड़ा में आदिवासी दिवस कार्यक्रम को आयोजन किया गया था इस कार्यक्रम में राज्य के कृषि मंत्री राघव पटेल समेत कई और अधिकारियों को आमंत्रित किया गया था । इस दौरान कार्यक्रम में शामिल होने पर आदिवासी रीति रिवाज के अनुसार स्वागत में मिली शराब को राज्य मंत्री राघव पी गए । जिसका वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है , जिसपर लोग विभिन्न प्रकार से प्रतिक्रिया दे रहे है ।

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पान के पत्ते पर दी गयी शराब को पी गए मंत्री जी

आदिवासी दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे राज्य कृषि मंत्री राघव ने इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद सफाई देते हुए कहा है कि, ‘वह आदिवासी रीति-रिवाजों से अनभिज्ञ थे और गलती से शराब मुंह में ले ली थी।’ आदिवासी परंपरा के चलते कार्यक्रम में शामिल हुए अतिथियों को पान के पत्ते पर कच्ची शराब दी गयी थी, परंपरा से अंजान मंत्री ने उस शराब को मुंह में डाल लिया । इसी दौरान उनके पास में खड़े के शख्स ने बताया कि, यह शराब धरती को अर्पित करनी थी । जिसके बाद राघव को अपनी गलती का एहसास हुआ और उन्होने इस भूल के लिए माफी मांगी है ।

”मुझे यहां की परंपराओं के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है. मैं यहां के रीति-रिवाजों से परिचित नहीं हूं. मैं पहली बार यहां आया हूं. वे हमें वहां चरणामृत के रूप में हाथ देते हैं। तो मैंने चरणामृत का स्वाद चखा. परन्तु वास्तव में उसे धरती पर अर्पित किया जाना था। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि ये मेरी समझ से परे था.”

 :राज्य कृषिमंत्री, राघव जी पटेल

चरणामृत समझ कर पी गए शराब

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि, आदिवासी दिवस के कार्यक्रम में पूजा के लिए ग्रीन बोतल में रख कर देशी शराब लायी गयी थी । जिसके बाद ये शराब धरती माता को अर्पित करने के लिए कार्यक्रम में शामिल अतिथियों को पान के पत्ते में दी जा रही थी । इस जैसे ही यह कच्ची शराब मंत्री राघव को दी गयी वे तुरंत इस शराब को पी गए । मंत्री की इस गलती को बताते हुए पास में खडे लोगों की हंसी छूट गयी ।

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अपने अस्तित्व को बचाने के लिए मनाया जाता है आदिवासी दिवस

आदिवासी समुदाय के लोग विश्व भर के कई हिस्सों में रहते हैं । आदिवासी लोगो की भाषाएं, संस्‍कृति, त्‍योहार, रीति-रिवाज और पहनावा सबकुछ आम लोगो से अलग होता है। इस वजह से वे देश और समाज की मुख्यधारा से नहीं जुड़ पाते है । रिपोर्टस के अनुसार, आदिवासी समाज की संख्या दिनप्रतिदिन कम होती जा रही है । जिसकी वजह जरूरी है कि, आदिवासी अपने अस्तित्व, संस्कृति और सम्मान को बचाने के लिए संघर्ष करना होगा । इस जनजाति को संरक्षण और बढ़ावा देने, इनकी संस्कृति व सम्मान को बचाने के लिए आदिवासी दिवस मनाया जाता है.

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