स्मार्ट सिटी से बदली बनारस की पुरानी तस्वीर…
स्मार्ट सिटी ने काशी में नगरीय सुविधाओं को उपलब्ध कराकर इसकी तस्वीर बदलने का प्रयास किया है. वैसे तो पूरे शहर में कई कार्य हुए लेकिन गंगा किनारे नमो घाट व सिगरा स्पोर्ट्स कांप्लेक्स ने शहर को नया आयाम दिया है.
स्मार्ट सिटी मिशन स्थानीय विकास को सक्षम करने और प्रौद्योगिकी की मदद से नागरिकों के लिए बेहतर परिणामों के माध्यम से जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने तथा आर्थिक विकास को गति देने हेतु भारत सरकार द्वारा एक अभिनव और नई पहल है…. इस पहल के माध्यम से स्मार्ट सिटी ने काशी में नगरीय सुविधाओं को उपलब्ध कराकर इसकी तस्वीर बदलने का प्रयास किया है. वैसे तो पूरे शहर में कई कार्य हुए लेकिन गंगा किनारे नमो घाट व सिगरा स्पोर्ट्स कांप्लेक्स ने शहर को नया आयाम दिया है. दोनों योजनाओं का प्रधानमंत्री अगले दौरे में उद्घाटन कर सकते हैं.
स्मार्ट सिटीज मिशन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 जून, 2015 को भारत में स्मार्ट सिटीज मिशन की शुरुआत की थी. इस परियोजना का उद्देश्य भारत में रहने वाले लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करना और आर्थिक विकास को गति देना है. स्मार्ट शहर एक नगरपालिका है जो परिचालन दक्षता बढ़ाने, जनता के साथ सूचना साझा करने तथा सरकारी सेवाओं और नागरिक कल्याण की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) का उपयोग करती है.
2018 के बाद बनारस में हुए कार्य
इस परियोजना के बाद वाराणसी स्मार्ट सिटी ने 2018 से करीब छह सालों में 1017.69 करोड़ रुपये की लागत से 51 परियोजनाओं को पूर्ण किया है. इसमें रूद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर, नमो घाट, पार्किंग, इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर, पौराणिक तालाब, कुंडों और पार्कों का जीर्णोद्धार, ओपन जिम, घाटों के फसाड लाइट आदि मुख्य हैं.
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बिना उद्घाटन के नमो घाट बना नया पर्यटन स्थल
नमो घाट पर 75 फीट ऊंचा सूर्य नमस्कार का चौथा स्कल्पचर बन कर तैयार है. वहां पर पहले से सूर्य नमस्कार के तीन स्कल्पचर लगे थे. इसके पास कांस्य का चौथा स्कल्पचर बनाया गया है. साथ ही बिना उद्घाटन के नमो घाट काशी में पर्यटन का नया केंद्र बन गया है.
नमो घाट काशी का सबसे बड़ा घाट
स्मार्ट सिटी के तहत करीब 90 करोड़ की लागत से वरुणा व असि नदी के संगम के बीच खिड़किया घाट को नमो घाट के रूप में विकसित किया है. यह काशी का सबसे बड़ा घाट है.
करीब एक किलोमीटर लंबे व 60,000 वर्ग मीटर क्षेत्रफल वाला सबसे बड़ा घाट है. जहां हैलीपैड की सुविधा भी उपलब्ध है.
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कांग्रेस ने लगाया आरोप
दरअसल कांग्रेस की ओर से पिछले दिनों यह आरोप लगाया गया था कि स्मार्ट सिटी मिशन शहरों की हालत बदलने में कारगर साबित नहीं हुआ. इसके जवाब में शहरी कार्य मंत्रालय ने इस मिशन की उपलब्धियां रेखांकित की हैं. उसने बताया है कि सौ शहरों में 1.60 लाख करोड़ रुपये की लागत वाले 8,000 से अधिक प्रोजेक्ट इसके तहत संचालित किए गए हैं, जिनमें से 90 प्रतिशत काम अब तक पूरे किए जा चुके हैं. इनपर 1.45 लाख करोड़ रुपए से अधिक रुपए भी खर्च किए जा चुके हैं.
मिशन में 100 शहरों का समावेश
योजना में शामिल 100 शहरों में से 75 शहर ऐसे हैं, जहां 75 प्रतिशत से अधिक कार्य हो चुका है. मिशन के लिए केंद्र सरकार को अपनी ओर से 48 हजार करोड़ रुपए की सहायता राज्यों को देनी थी, जिसमें से 46 हजार करोड़ रुपये दिए जा चुके हैं.