बीजेपी सरकार में दोगुनी हो गईं शराब की दुकानें

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मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार शौकीनों को पर्याप्त स्थानों पर देशी व विदेशी शराब उपलब्ध कराने का पूरा ख्याल रखती है। यही वजह है कि वर्ष 2003 से 2017 के दौरान विदेशी शराब की दुकानों की संख्या 581 से बढ़कर 1089 हो गई है।

वित्तमंत्री ने स्पष्ट कहा कि उनका विभाग शराबबंदी के पक्ष में नहीं है। विधानसभा में मंगलवार को कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी द्वारा पूछे गए सवाल का लिखित जवाब देते हुए वित्तमंत्री जयंत मलैया ने बताया कि राज्य में वर्ष 2003 में 2,211 देशी और 581 विदेशी शराब की दुकानें हुआ करती थीं, जो वर्ष 2017 में बढ़कर देशी की 2594 और विदेशी मदिरा की दुकानें 1089 हो गई हैं।

मलैया ने तर्क दिया कि गुणवत्तापूर्ण मदिरा नहीं मिलने पर राज्य में अवैध शराब का कारोबार बढ़ सकता है, इसलिए उनका विभाग शराबबंदी के पक्ष में नहीं है।  वित्तमंत्री के इस बयान से यह भी स्पष्ट हो गया कि सरकार दोहरी नीति पर चल रही है।

जब जैसा मौका, वैसी नीति! दो माह पहले मुख्यमंत्री शिवराज (Chauhan) ने ‘नर्मदा सेवा यात्रा’ के दौरान गांव-गांव में शराब व नशापान छोड़ने का संकल्प दिलाया था, साथ ही नर्मदा किनारे से शराब की दुकानें हटाने का ऐलान किया था। वहीं सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर राजमार्गो से जब शराब की दुकानें हटाई गईं, तो वे बस्तियों में पहुंच गईं।

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बस्तियों की महिलाएं शराब की दुकानों का लगातार विरोध कर रही हैं, लेकिन सरकार अच्छे-खासे राजस्व की स्रोत इन दुकानों को हटाना नहीं चाहती। सरकार अपने फायदे के लिए प्रदेश की जनता को कुचल रही है। उनकी आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है। जिसपर शिवराज सरकार अपने किए गए वादों से पीछे हट रही है जो उसने नर्मदा सेवा याक्षा के दौरान लोगों से किया था। अब जब जनता शिवराज सरकार से किए गए वादों को पूरा करने को कह रही है तो सरकार यू टर्न मार रही है।

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