हम देश के रखवाले हैं, नेताओं की जागीर नहीं : अजीत डोभाल
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल ने सीबीआई में मचे भूचाल और अन्य मामलों में गुरुवार को सरदार पटेल मेमोरियल में बोलते हुए सरकार का पक्ष रखा। उन्होंने कहा, ‘हम पर जनता के प्रतिनिधियों का नहीं, उनके बनाए कानूनों का शासन है, इसलिए कानून का राज बेहद अहम है।’
सरकार के लोकप्रिय कदमों को राष्ट्रहित से ऊपर नहीं रखा जाना चाहिए
एनएसए अजीत डोभाल ने रदार पटेल मेमोरियल में कहा कि, भारत को इस समय ऐसी निर्णायक सरकार की जरूरत है, जो देशहित में कड़े फैसले ले सके। उन्होंने कहा, ‘सरकार के लोकप्रिय कदमों को राष्ट्रहित से ऊपर नहीं रखा जाना चाहिए। कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी हमारे लिए संकट है, इसलिए देश को उस स्थिति का सामना करना ही होगा। इस दौरान उन्होंने यह भी दावा किया कि वर्ष 2030 तक भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।
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हमारी अर्थव्यवस्था भी बड़ी होनी चाहिए
उन्होंने कहा, ‘अगर हमें बड़ी ताकत बनना है, तो हमारी अर्थव्यवस्था भी बड़ी होनी चाहिए, वैश्विक स्तर पर प्रतियोगी होनी चाहिए, और ऐसा तभी हो सकता है, जब हमारी अर्थव्यवस्था तकनीकी रूप से दूसरों से आगे हो। डोभाल ने चीन की कंपनियों का जिक्र करते हुए कहा, ‘चीन की ‘अलीबाबा’ और अन्य किस तरह से बड़ी कंपनियां बन गईं, चीन की सरकार ने उन्हें काफी समर्थन दिया है।
भारत को अगले 10 साल के लिए निर्णायक सरकार की जरूरत
हम चाहते हैं कि भारतीय निजी क्षेत्र की कंपनियां अच्छा प्रदर्शन करें, और भारत के रणनीतिक हितों को बढ़ावा दें।’उन्होंने कहा कि भारत को अगले 10 साल के लिए निर्णायक सरकार की जरूरत है। इस बीच, कमजोर गठबंधन देश के लिए नुकसानदायक साबित होंगे।