हिंसा की शिकार महिलाओं को नहीं जाना होगा थाने

0

हिंसा की शिकार महिलाओं की मदद के लिए बने वन स्टॉप सेंटर में अब महिलाएं एफआईआर भी दर्ज करा सकेंगी। सरकार इन वन स्टॉप सेंटर को देश भर में सखी नाम से चलाती है। अभी तक यहां पर महिलाओं को काउंसिलिंग और जरूरी मदद ही मुहैया कराई जाती थी।

यूपी से शुरुआत

यह पहल महिला व बाल विकास मंत्रालय ने शुरू की थी और सबसे पहले यूपी ने इसमें रुचि दिखाई। अब वन स्टॉप सेंटर में एफआईआर दर्ज किए जाने की शुरुआत यूपी से होगी। यूपी के होम डिपार्टमेंट ने इसके लिए हामी भर दी है।

मकसद पूरा हो

महिला व बाल विकास मंत्रालय के एक अधिकारी के मुताबिक वन स्टॉप सेंटर में पीड़ित महिलाएं आती हैं और अगर उन्हें अपनी शिकायत दर्ज कराने के लिए फिर से थाने में जाना पड़े तो वन स्टॉप सेंटर का पूरा मकसद हल नहीं होता। ऐसे में मंत्रालय ने इस संबंध में प्रस्ताव बनाया कि क्राइम ऐंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क सिस्टम्स (सीसीटीएनएस) के जरिए महिलाओं को शिकायत दर्ज कराने की सुविधा वन स्टॉप सेंटर पर ही दी जाए।यह नेटवर्क इफेक्टिव पुलिसिंग के लिए बनाया गया है। इसके तहत हर वन स्टॉप सेंटर पर एक कंप्यूटर रखा जाएगा जो सीसीटीएनएस से जुड़ा होगा। इससे शिकायत दर्ज कराई जा सकती है और फिर यह शिकायत एफआईआर में तब्दील हो जाएगी।

Also Read : सिर्फ नारे दे रहे हैं मास्टर पीएम मोदी : राहुल गांधी

मंत्रालय के अधिकारी के मुताबिक हमने यह प्रस्ताव सभी राज्यों को भेजा था। सबसे पहले यूपी ने इस पर जवाब दिया और कहा कि वह इसके लिए तैयार है। हालांकि सभी वन स्टॉप सेंटर में सीसीटीएनएस के लिए कंप्यूटर लगाने का खर्चा वन स्टॉप सेंटर फंड से ही दिया जाएगा। मंत्रालय के अधिकारी के मुताबिक यूपी में जल्दी ही इस पर काम शुरू हो जाएगा जिसके बाद हम यूपी को एक मॉडल के तौर पर दूसरे राज्यों के सामने पेश करेंगे और दूसरे राज्यों से भी कहेंगे कि वह भी जल्द ही इसे लागू करें।

3 साल पहले हुई थी शुरुआत

हिंसा की शिकार पीड़ित महिलाओं के लिए वन स्टॉप सेंटर बनाने की स्कीम अप्रैल से लागू की गई। सेंटर में महिलाओं को मेडिकल हेल्प, पुलिस सहायता, कानूनी सलाह दी जाती है। काउंसिलिंग भी होती है। पहला सेंटर रायपुर में बना था। अभी देश में करीब 168 वन स्टॉप सेंटर हैं। हाल में मंत्रालय ने 50 और वन स्टॉप सेंटर बनाने का प्रस्ताव पास किया है।

(साभार-एनबीटी)

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें। आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं।)

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More