कैदी न कहिए जनाब… कहिए गौ सेवक

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गायों के अच्छे दिन आ गए है  आए भी क्यों न सरकार गायों पर इतनी मेहरबान जो हैं। एक के बाद  एक योगी सरकार गायों के लिए कानून से लेकर हर छोटी बड़ी जरुरतों का ध्यान जो रख रही हैं। अब योगी सरकार ने गायों को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है। यूपी की 12 जेलों में गो कल्याणकारी योजनाओं को बढ़ावा देते हुए गोशालाएं चलाई जाएंगी। गृह एवं जेल विभाग और गोसेवा आयोग के बीच समझौते के बाद अंतिम रूप से यह फैसला लिया गया है।

जेलों में गौशाला चलाने का निर्णय लिया गया

दरअसल गोसेवा आयोग ने पहले पीएसी परिसर में गोशाला खोलने का विचार किया था लेकिन डीजीपी मुख्यालय की तरफ से मंजूरी न मिलने के चलते जेलों में गोशाला चलाने का निर्णय लिया गया।इस व्यवस्था की पुष्टि करते हुए जेल विभाग के अडिशनल इंस्पेक्टर जनरल शरद ने कहा, ‘जेलों में हमारे पास पर्याप्त स्थान होता है और ज्यादा लोग भी होते हैं, जो गायों की देखभाल कर सकते हैं। हमने तत्काल प्रभाव से इसके लिए अपनी मंजूरी दे दी है।’

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गो कल्याण योजनाओं को लागू करने में गहरी रुचि लेने के चलते गो सेवा आयोग को भी अधिक महत्व दिया जा रहा है। इससे प्रेरित होकर ही आयोग के चीफ पूर्व आईएएस अधिकारी राजीव गुप्ता ने इस प्रस्ताव के बारे में दो प्रमुख विभागों में पहल की थी। लखनऊ स्थित जवाहर भवन में 16 नवंबर को मीटिंग के बाद राजीव गुप्ता ने गृह एवं जेल विभाग के प्रमुख सचिव और डीजीपी को पत्र लिखकर गो कल्याणकारी योजनाओं को बढ़ावा देने के लिए पत्र लिखा था। हालांकि पीएसी कंपाउंड्स में गोशाला चलाने के प्रस्ताव को डीजीपी मुख्यालय ने खारिज कर दिया। इसके बाद 5 दिसंबर को राजीव गुप्ता ने दोबारा दोनों विभागों को पत्र लिखा। इस बार उन्होंने गुजारिश की कि जिस तरह पीएसी स्कूल चला रहा है उसी तरह गोशाला भी वहां चलाई जा सकती है।

पीएससी के पास  पहले से ही कई काम है

साथ ही गोसेवा के जरिए पुलिसकर्मियों को भी सकारात्मक उर्जा भी मिलेगी लेकिन दूसरी बार भी पीएसी द्वारा यह प्रस्ताव खारिज कर दिया गया। गृह एवं जेल के प्रमुख सचिव अरविंद कुमार ने कहा, ‘पीएसी परिसर में गोशाला चलाना संभव नहीं है। हमने कमिशन की सिफारिशों पर ध्यान दिया है और इसे अन्य विभागों को आगे बढ़ा दिया है। पीएसी के पास पहले से ही कई कामों का भार है और जब तक अधिक कर्मियों की भर्ती नहीं होती इस विचार का क्रियान्वयन नहीं हो सकता। इस वजह से गृह विभाग ने कमिशन को यूपी की 69 जेलों में से 12 में गोशाला चलाने का आदेश दिया है।’

देखना ये है कि अगर यूपी के जेलों में गौशालाएं खोली चलाई जायेगी तो क्या जेल के कैदियों को इनकी देखभाल करनी होगी या कोई अलग के लोग रखे जायेंगे।

NBT

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