अब वेटिंग टिकट की समस्या खत्म, सबकी सीट होगी कंफर्म, जानें कैसे ?

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ट्रेन से लम्बी दूरी तय करने वाले लोगों को अक्सर वेटिंग टिकट की समस्या का सामना करना पड़ता है, टिकट में हजारों रूपए लगाने के बाद यात्री को ट्रेन में धक्के खाने पड़ते है. जबकि, भारतीय रेलवे की तरफ से हर रोज 10 हजार से ज्यादा पैसेंजर ट्रेन चलती है, जिनमें करोड़ो की संख्या में यात्री सफर करते है. इसके बाद भी कई तीज त्यौहारों और छुट्टी के मौकों पर कंफर्ट टिकट पाना मुश्किल हो जाता है. लेकिन बहुत जल्द इस समस्या से यात्रियों को निजात मिलने जा रहा है, इस बात की पुष्टि खुद रेलवे द्वारा की गयी है. इसको लेकर रेलवे ने कहा है कि, ”बहुत जल्द ट्रेनों में सभी को कंफर्म टिकट मिलेगी. रेलवे ट्रेनों में सीटों की डिमांड और सप्लाई के अंतर को पूरा करने के लिए लगातार काम कर रही है.”

इसको लेकर केन्द्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि, ”वेटिंग टिकट की समस्याओं से निपटने की पूरी कोशिश की जा रही है. उन्होंने कहा, इस बार गर्मियों में पहले की अपेक्षा दस गुना अधिक ट्रेन चलाई गई हैं. पिछले साल छठ के अवसर पर चार गुना अधिक ट्रेनें चलाई गई थीं. 2024 में 14 किलोमीटर पटरी प्रति दिन बनाई जा रही है. वहीं 2014 में रोज 4 किलोमीटर पटरी तैयार किया जाता है. पिछले पांच सालों में 35 हजार किलोमीटर पटरी बनी है.”

वेटिंग की दिक्कत से कब तक मिलेगा छुटकारा ?

वेटिंग की समस्या के निजात की समय सीमा पूछे जाने पर रेल मंत्री ने इसकी अवधि का अंदाजा लगाते हुए बताया है कि, “भारत में रोज 22 हजार ट्रेनें चलाई जा रही है. अगर हम रोज 3 हजार ट्रेनें बढ़ाते जाएं तब जाकर वेटिंग लिस्ट को पूरी तरह से खत्म कर पाएंगे. साल 2032 तक हम वेटिंग टिकट की समस्याओं को खत्म कर पाएंगे.”

स्पेशल ट्रेनों को लेकर बोले रेल मंत्री

खास मौको पर चलाई जाने वाली स्पेशल ट्रेनों को लेकर बोलते हुए रेल मंत्री ने कहा है कि, ” इस गर्मी में रोज 4 करोड़ अतिरिक्त यात्री स्पेशल ट्रेनों के माध्यम से यात्रा कर रहे हैं. भारतीय रेलवे दुनिया की चौथी और एशिया की सबसे बड़े रेलवे नेटवर्क हैं. इसी सुरक्षा वाले कवच सिस्टर पर बोलते हुए रेल मंत्री ने कहा, ये हर स्टेशन पर डेटा सेंटर बनाने और टेलीकम्यूनिकेशन की लाईन बिछाने जैसा है. ऑटोमेटिक ट्रेन प्रोटेक्शन सिस्टम डेवलप करना बेहद कॉम्प्लेक्स है. इसमें गाड़ी पर लगने वाला इक्विपमेंट हर गाड़ी के लिए यूनिक डेवलप करना होगा. क्योंकि हर ट्रेन की स्पीड और रुकने की टाइमिंग अलग अलग होती है. ”

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रेलवे तैयार करेंगा सुपर एप

इससे पहले रेलमंत्री ने बताया था कि, ”हम रेलवे के लिए सुपर ऐप बनाने जा रहे हैं, जिसमें रेलवे से जुड़ी जितनी भी सुविधाएं हैं. जैसे आपको देखना है कि कौन सी ट्रेन कहां से कहां जा रही है, टिकट लेना हो, रिजर्व या अनरिजर्व हो. रिजर्व हो तो IRCTC का उपयोग करके और अनरिजर्व हो तो लाइन में लगना ना पड़े. इन्हीं सभी बातों को ध्यान में रखकर एक सुपर ऐप बनाने जा रहे हैं. जिससे आपकी जिंदगी में रेलवे का एक नया एक्सपीरियंस हो. इस ऐप को बनाने में करीब 4 से 5 महीने लग सकते हैं.”

 

 

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