अब खुलेगा शंभू बॉर्डर…सुप्रीम कोर्ट ने दिया आदेश, कहा- हाईवे ट्रैक्टर …
मामले की अगली सुनवाई 22 अगस्त को ...
नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के सटे शंभू बॉर्डर को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अहम् फैसला सुनाया है. कोर्ट ने सुनवाई के दौरान आदेश दिया कि शंभू बॉर्डर को 6 महीने में आंशिक रूप से खोल दिया जाए. कोर्ट ने एम्बुलेंस, छात्रों, महिलाओं और वरिष्ठ नागरिकों के लिए हाईवे खोलने का आदेश दिया है. आदेश में कहा गया है कि दोनों तरफ से एक-एक लेन को खोला जाए, साथ ही कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा के पुलिस अधिकारियों को एक हफ्ते में मीटिंग कर कार्यवाही करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 22 अगस्त को होगी.
ट्रैक्टर पार्किंग के लिए नहीं है हाईवेः कोर्ट
मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लोगों की सुविधा के लिए एक लेन को खोला जा सकता है. कोर्ट ने कहा कि ट्रैक्टर पार्किंग के लिए हाईवे नहीं है. इतना ही नहीं कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा के DGP को बैठक कर एक सप्ताह में बॉर्डर खोलने के लिए कहा है. कोर्ट ने कहा है कि बॉर्डर बंद होने से आम लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
हाईकोर्ट ने दिया था आदेश…
गौरतलब है कि 10 जुलाई को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने सप्ताह भर में शंभू बॉर्डर खोलने के आदेश दिया था. लेकिन हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ हरियाणा सरकार सुप्रीम कोर्ट चली गई. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने कहा कि आम लोगों के लिए सरकार हाईवे रोक नहीं सकती है. बता दें कि किसानों को रोकने के लिए सरकार ने यहां बैरिकेड लगा रखे हैं.
पिछले 6 महीने से बैठे हैं किसान…
गौरतलब है कि किसान यहां से दिल्ली के लिए कूच करना चाह रहे थे लेकिन हरियाणा सरकार ने किसानों को दिल्ली न जाने के लिए शंभू बॉर्डर को जाम करा दिया और बैरिकेड करा दिए जिसके बाद से किसान यहीं पर बैठे हैं. अगर किसानों की बात करें तो किसान यहां 13 फरवरी 2024 से बैठे हैं. इसका कारण है कि किसान अपनी मांगों को लेकर दिल्ली कूच करना चाहते थे और मोदी सरकार से अपनी फसल के लिए MSP की मांग कर रहे हैं.
किसानों को समझाए पंजाब सरकार….
सुप्रीम कोर्ट ने आज सुनवाई के दौरान कहा कि पंजाब सरकार प्रदर्शन कर रहे किसानों को समझाए और बॉर्डर से ट्रैक्टर हटाने के लिए कहे. सुनवाई के दौरान कोर्ट किसानों के प्रदर्शन पर नाराज भी दिखाई दिया. इतना ही नहीं कोर्ट ने प्रदर्शनकारी किसानों से बातचीत करने के लिए प्रस्तावित समिति के लिए गैर राजनीतिक नाम सुझाने के लिए पंजाब और हरियाणा सरकार की तारीफ की. कोर्ट ने कहा कि वह प्रदर्शन कर रहे किसानों से बातचीत करने की लिए गठित की जाने वाली समिति की शर्तों पर संक्षिप्त आदेश पारित करेगा.