अब कब्रों में भी महफूज नहीं बेटियां…! जानिए क्या है नेक्रोफ़ीलिया का सच

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देश हो या विदेश, अब कहीं भी महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं। महिलाओं से दुष्कर्म की घटनाओं का आंकड़ा दिन-पे-दिन बढ़ता जा रहा है। इसी बीच सोशल मीडिया पर कुछ ऐसी तस्वीरें वायरल हो रही हैं, जिसमें बेटियों की कब्रों में ताले लगे दिखाई दे रहे हैं। बताया जा रहा है कि ये ताले इसलिए लगाए गए हैं, ताकि मरने के बाद उनकी बेटियों के शव सुरक्षित रह सकें। ये सुनकर थोड़ी हैरत हुई होगी, मगर ये सच है। आज पुरुष भेड़ियों के रूप में सड़कों पर घूम रहें हैं, जो बेटियों को जिंदा रहते भी नहीं बक्श रहें और मरने के बाद भी उनके शवों से दुष्कर्म कर रहे हैं। इसलिए माता-पिता को अपनी बेटियों की कब्रों में ताले लगाने पड़ रहे हैं। बेटियों के शवों से दुष्कर्म करने वाले इस घिनौने कृत्य को नेक्रोफ़ीलिया कहा गया है।

बेटियों की कब्रों पर लगा रहें तालें

दरअसल, दो दिन पहले सोशल मीडिया पर बेटियों की कब्र पर लगे ताले वाली तस्वीर ने सभी चौंका दिया। इस तस्वीर को पाकिस्तान का बताया जा रहा था। लेकिन जांच-पड़ताल में पता चला है कि यह तस्वीर हैदराबाद की है। आपको जानकर हैरानी होगी कि पाकिस्तान में नेक्रोफ़ीलिया के मामले अधिक सामने आए हैं। यहां मरने के बाद बेटियों के शवों को दफनाने के बाद ताले लगाए जा रहें हैं। क्योंकि नेक्रोफ़ीलिया से ग्रसित लोग शवों को कब्रों से निकालकर शव के साथ दुष्कर्म करते हैं। इससे पहले डेली टाइम्स की एक रिपोर्ट में भी दावा किया गया था कि पाकिस्तान में परिजन अब अपनी मृत बेटियों की कब्र पर ताला लगाने को मजबूर हैं। ऐसा उन्हें दुष्कर्म से बचाने के लिए किया जा रहा है। रिपोर्ट में दावा किया गया कि पाकिस्तान में नेक्रोफिलिया के मामले बढ़ रहे हैं।

क्या है नेक्रोफ़ीलिया

नेक्रोफ़ीलिया ग्रीक शब्द  ‘नेक्रो’ और ‘फ़ीलिया’ से मिलकर बना है। यहां नेक्रो का मतलब मृत शरीर और फिलिया का मतलब आकर्षित होना या प्यार करना है। यानी जो पुरुष मृत शरीर की ओर आकर्षित होकर शव का रेप करता हैं, उसे नेक्रोफ़ाइल कहते हैं और इस कृत्य को नेक्रोफ़ीलिया कहा गया है। इस तरह ‘नेक्रोफीलिया’ का मतलब ‘मरे हुए लोगों के साथ संबंध बनाकर आनंद हासिल करना’ होता है। इस विकृति से पीड़ित व्यक्ति शव के साथ संबंध बनाने के लिए आकर्षण महसूस करता है। वह पहले लड़की या औरत की हत्या करता, फिर उसके शव के साथ शारीरिक संबंध बनाता है।

पाकिस्तान में हर दो घंटों में बलात्कार

पाकिस्तान देश में ‘नेक्रोफिलिया’ के मामले तेजी से बढ़ गए हैं। रिपोर्टों में कहा गया है कि अपने पारिवारिक मूल्यों पर गर्व करने वाले पाकिस्तान में हर दो घंटे में एक महिला का बलात्कार हो रहा है। यहीं नहीं अब तो पाकिस्तान में महिलाओं के शवों को भी नहीं छोड़ा जा रहा है। लोग अपनी दिवंगत बेटियों के शवों के साथ जबरन शादी व बलात्कार रोकने के लिए कब्रों पर ताला लगा रहे हैं। यह शवों की पवित्रता बनाए  रखने के लिए हताशा से उठाया गया एक कदम है। क्योंकि हवस के आदि लोग अपनी इच्छाओं को पूरा करने के लिए अब शवों का सहारा ले रहे हैं।

हैरिस की किताब में मिला कड़वा सच

वहीं, पाकिस्तान की लेखिका हैरिस ने बुधवार को ट्वीट कर इस घटना को दुखद बताया है। हैरिस ‘द कर्स ऑफ गॉड, व्हाई आई लेफ्ट इस्लाम’ किताब की लेखिका हैं। हैरिस ने अपनी किताब में इस्लाम धर्म के कुछ विचारों को कुंठित बताया है। हैरिस ने बेटियों के शवों से बलात्कार की घटनाओं पर रोष जताते हुए कहा, ‘पाकिस्तान ने खुद को इतना भ्रष्ट, यौन कुंठित समाज बना लिया है कि लोग अब अपनी मृत बेटियों की कब्रों पर भी ताला लगा रहे हैं।’ ताकि उनकी लाशों के साथ रेप न हो सके। जब आप बुर्के को गलत काम से जोड़ते हैं तो ये आपको भी कब्र में ले जाता है।’

2011 में आया था नेक्रोफीलिया का पहला मामला

बता दें कि पाकिस्तान में नेक्रोफीलिया का पहला मामला 2011 में सामने आया था। शव का बलात्कारी मोहम्मद रिजवान को पुलिस ने गिरफ्तार भी कर लिया था। आरोपी रिजवान उत्तरी निजामाबाद, कराची से मकबरे का देखभाल करने का काम करता था। यहीं आरोपी रिजवान ने 48 महिलाओं के शवों के साथ दुष्कर्म करने की बात कबूल की थी। बाद में ऐसे कई मामले सामने आएं। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अनुसार, 40 प्रतिशत से अधिक पाकिस्तानी महिलाएं अपने जीवनकाल में कम से कम एक बार किसी न किसी रूप में हिंसा का शिकार होती हैं।

 

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