अक्षय कुमार नहीं महिलाएं इस युवक को बुलाती हैं असली पैडमैन

0

बिहार में महिलाएं अक्षय कुमार को नहीं बल्कि एक युवक को पैडमैन कहकर बुलाती हैं। पैडमैन संजीव ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं के लिए कम लागत में अच्छी किफायती के पैड उपलब्ध कराते हैं।


अभिनेता अक्षय कुमार की फिल्म पैडमैन तो आपको याद ही होगी। इस फिल्म में महिलाओं के मासिक दिनों से जुड़े सैनिटरी पैड्स की आवश्यकता को दर्शाया गया है। सैनिटरी पैड्स को लेकर महिलाओं और पुरुषों के बीच फैली भ्रामकता को भी मिटाने का प्रयास किया गया है। फिल्म में अक्षय कुमार ने पैड्स बनाने वाले पैडमैन की भूमिका निभाई थी। मगर आपको जानकर हैरानी होगी कि बिहार में महिलाएं अक्षय कुमार को नहीं बल्कि एक युवक को पैडमैन कहकर बुलाती हैं। अब आप सोच रहे होंगे कि ये नया पैडमैन कौन है ? तो आपको बता दें कि ये पैडमैन ही असली पैडमैन है।

छपरा के संजीव हैं असली पैडमैन

बिहार के छपरा में 35 वर्षीय संजीव कुमार वर्मा महिलाओं के बीच पैडमैन के नाम से जाने जाते हैं। पैडमैन संजीव ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं के लिए कम लागत में अच्छी किफायती के पैड उपलब्ध कराते हैं। जिसकी वज़ह से महिलाओं द्वारा संजीव के बनाये पैड अधिक खरीदे जाते हैं। बिहार में अब संजीव कुमार वर्मा पैडमैन कहकर ही बुलाए जाते हैं। इस बात से संजीव को कोई झिझक भी नहीं होती है उल्टा उन्हें खुशी होती है कि उनके पैड लोगों द्वारा पसन्द किए जाते हैं।

कोविड में छोड़ी थी मार्केटिंग की नौकरी

छपरा शहर के भरत मिलाप चौक (जेल के पास) के रहने वाले 33 वर्षीय संजीव कुमार वर्मा कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में दिल्ली से निजी कंपनी की मार्केटिंग की नौकरी छोड़ घर लौट आए थे। इसके बाद संजीव कुछ समय तक बेरोजगार रहे पर फिर खुद का व्यापार करने का निर्णय लिया।

महंगे सैनिटरी पैड्स से मिला आइडिया

संजीव ने अपने शहर में ही स्वरोजगार का निश्चय किया था। इसके लिए उन्होंने सबसे पहले बाजार में विभिन्न उत्पादों की मांग, आपूर्ति और मूल्य का सर्वेक्षण किया।
सर्वेक्षण में उन्होंने देखा कि बाजार में सैनिटरी पैड्स के मूल्य अधिक हैं, जो गांवों की महिलाओं, युवतियों व किशोरियों की पहुंच से दूर हैं। पैड्स की मांग असीमित है। ऐसे में, कम लागत में बेहतर गुणवत्ता के पैड्स बनाए जाएं तो बिक्री की समस्या नहीं होगी।

पिछले साल शुरू किया था सैनिटरी पैड्स का स्टार्टअप

संजीव ने पिछले साल नवंबर में घर से ही सैनिटरी पैड्स का स्टार्टअप शुरू कर दिया था। निर्माण व बिक्री के लिए छह युवकों को रोजगार दिया। कुछ ही माह में उत्पाद की बाजार में पहचान बनने लगी। वे ऑनलाइन और ऑफलाइन प्लेटफॉर्म पर अपने उत्पाद की ब्रांडिंग व मार्केटिंग कर रहे हैं।

बिना मुनाफा के भी दे रहें रोजगार

पैडमैन संजीव कुमार वर्मा से जब उनकी कमाई के बारे में पूछा गया तो जानकर आप दंग रह जाएंगे। दरसल इस व्यापार में संजीव को खास मुनाफा नहीं मिल रहा। फिर भी संजीव खुश हैं और अपनी छोटी सी कंपनी में और युवकों को रोजगार भी देते हैं। कमाई के बारे में पूछने पर बताया कि छह लोगों को सम्मानजनक वेतन देने के बाद अच्छी तरह से कंपनी चल रही है। खुद की आजीविका का आधार भी यही है।

मुख्यमंत्री उद्यमी योजना से मिले सपनों को पँख

पैडमैन संजीव के सपनों को उड़ान को मुख्यमंत्री उद्यमी योजना से मिली। स्टार्टअप की कार्ययोजना बनाकर उन्होंने उद्योग विभाग से संपर्क किया। थोड़े प्रयत्न से मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत उन्हें 10 लाख रुपये का ऋण मिल गया। इसमें 50 प्रतिशत अनुदान भी है। इन पैसों से मशीनों की खरीद और कच्चा माल खरीदा। कुछ रकम अपने उत्पाद की ब्रांडिंग, आकर्षक पैकेजिंग व प्रोत्साहन पर भी खर्च की।

स्टे सेफ्टी नाम से बना रहें सस्ते सैनिटरी पैड्स

संजीव एंड कंपनी के नाम से संजीव स्टे सेफ्टी नाम का सैनिटरी पैड्स बनाते हैं। बिक्री छपरा शहर व आसपास के छोटे बाजारों में कर रहे हैं। सस्ता व बेहतर होने के कारण मांग बढ़ रही है। इस कीमत में लिक्विड को जेल में बदलने वाले पैड बाजार में नहीं हैं।

संजीव के पैड्स सहजता से खरीदती हैं महिलाएं

पैडमैन संजीव व उनकी टीम के सदस्य दुकानदारों को उत्पाद की गुणवत्ता का प्रदर्शन कर बिक्री के लिए सहमत करते हैं। मोहल्ले और आसपास के मोहल्ले की महिलाओं ने भी उत्पाद को लेकर संतोषजनक टिप्पणी की है। लोग अब इन्हें भी पैडमैन के रूप में पहचानने लगे हैं। पैडमैन संजीव ने अपनी लोकप्रियता से अक्षय कुमार को भी पीछे छोड़ दिया है। संजीव से पैड खरीदने में महिलाएं खुद को सहज अनुभव करती हैं।

 

Also Read : कौन है पत्रकार अभिसार शर्मा ? ‘न्यूज़क्लिक’ में चीन के लिए पेड न्यूज चलाने का आरोप

 

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More