10 वीं बार रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं, EMI में भी राहत नहीं…
लगातार तीन दिनों तक चली मौद्रिक नीति समिति (PMC) की बैठक के बाद बुधवार की सुबह रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने जनता को संबोधित किया. इसमें उन्होंने कई सारे बड़े ऐलान किए हैं, लेकिन, सस्ता लोन की उम्मीद रखने वाले ग्राहकों को एक बार फिर गवर्नर ने लगातार दसवीं बार रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है. फिलहाल, आरबीआई ने कर्ज की ब्याज दरें नहीं घटाई हैं. ऐसे में आइए जानते हैं क्या-क्या ऐलान किए गए हैं…
इस बार भी भारतीय रिजर्व बैंक ने प्रमुख ब्याज दरों को बरकरार रखा है. आरबीआई ने रेपो रेट या प्रमुख ब्याज दर में कोई बदलाव नहीं किया है. आरबीआई गवर्नर और एमपीसी चेयरमैन शक्तिकान्त दास ने आज एमपीसी के निर्णयों की घोषणा की है. सोमवार को आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति की बैठक शुरू हुई है. इस महीने की शुरुआत में सरकार ने भारतीय रिजर्व बैंक की दर-निर्धारण समिति, मौद्रिक नीति समिति (MPC) को पुनर्गठित किया. पुनर्गठित समिति ने इस बार तीन नए बाहरी सदस्यों के साथ बैठक की. फरवरी 2023 से भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो रेट को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा है.
रेपो रेट की दर में बदलाव नहीं
गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि, ”एमपीसी की बैठक ने रेपो रेट को 6.5% पर बरकरार रखने का निर्णय लिया है . साथ ही नीतिगत दिशा न्यूट्रल हो गई है. पहली तिमाही में जीडीपी ग्रोथ रेट 6.7% रहने की उम्मीद है, उत्पादन में सुस्ती है.” वहीं आरबीआई के फैसलों पर शेयर बाजार का पॉजिटिव रिस्पांस देखने को मिल रहा है. इसके चलते बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का सूचकांक सेंसेक्स 500 अंक उछल गया है. वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्ट 150 अंक तक उछल गया है.
इस बार ग्रोथ का है अनुमान
इसके आगे शक्तिकांत दास ने कहा है कि, ”मौद्रिक नीति समिति ने वित्त वर्ष 2025 में जीडीपी ग्रोथ रेट 7.2 फीसदी रहने का अनुमान जताया है. आरबीआई गवर्नर ने कहा कि घरेलू ग्रोथ लगातार अपना मोमेंटम बनाए हुए है. ‘साथ ही ग्लोबल इकोनॉमी भी अपना लचीलापन बनाए हुए है. हालांकि, भू-राजनीतिक तनाव, फाइनेंशियल मार्केट में उतार-चढ़ाव और बढ़े हुए सरकारी कर्ज के चलते डाउनसाइड रिस्क बना हुआ है. इस क्रम में सकारात्मक बात यह है कि वर्ल्ड ट्रेड इंप्रूवमेंट के संकेत दिखा रहा है .”
महंगाई पर लगाम लगने की बात कहते हुए गवर्नर ने कहा है कि, ‘खरीफ के अच्छे रकबे और अच्छी वर्षा के चलते खाद्य महंगाई का दबाव कम हुआ है. ‘ऐसा लगता है कि प्रमुख महंगाई दर निचले स्तर पर आ गई है.’
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क्या कहते हैं एक्सपर्ट
वहीं बात करें आरबीआई के इन फैसलों पर एक्सपर्ट की राय की तो उनका कहना है कि रिजर्व बैंक ने एक संतुलित मौद्रिक नीति जारी की है, जो ब्याज दरों को अपरिवर्तित रखने की अनुमति देती है. आरबीआई ने भी तटस्थ रहने का फैसला किया है. आरबीआई गवर्नर ने मुद्रास्फीति, आर्थिक वृद्धि, भू-राजनीतिक तनाव और NBFC क्षेत्र में जोखिम जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की है, लेकिन एमपीसी के निर्णय बाजार की ओर से सकारात्मक हैं. दर में कटौती का कोई स्पष्ट संकेत नहीं था, लेकिन गवर्नर के भाषण में कुछ संकेत आगामी नीतियों में दर में कटौती की संभावना की ओर इशारा करते हैं. बाजारों से सकारात्मक प्रतिक्रिया की उम्मीद है. निफ्टी के निकट अवधि में 25,330 और 25,500 के लेवल को टार्गेट करने की संभावना है.