सड़क हादसों में भारत का पहले स्थान पर होना चिंता का विषय: नितिन गडकरी

इन 4 राज्यों में सबसे ज्यादा सड़क हादसे

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नई दिल्ली.केंद्रीय सड़क परिवहन और राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने शुक्रवार को दिल्ली के द्वारका में आईआईएसएसएम के ग्लोबल कॉन्क्लेव के समापन समारोह में  सड़क हादसों के बढ़ते आंकड़ों पर गहरी चिंता व्यक्त की. उन्होंने कहा कि भारत का सड़क दुर्घटनाओं में पहले स्थान पर होना गंभीर चिंता का कारण है.

उन्होंने बताया कि हर साल लाखों लोग सड़क हादसों में अपनी जान गंवा देते हैं, जिनमें कई प्रतिभाशाली डॉक्टर, इंजीनियर, वैज्ञानिक और बुद्धिजीवी शामिल हैं. लोगों को सड़क सुरक्षा के बारे में अधिक जागरूक करने की जरूरत है. लोगों की लापरवाही जैसे वाहन चलाते समय मोबाइल पर बात करना और हेलमेट न पहनने के कारण सड़क हादसे बढ़ रहे है. गडकरी ने यह भी कहा कि सड़क सुरक्षा के मुद्दे को ज्यादा गंभीरता से लिया जाना चाहिए, ताकि लोगों की जान बचाई जा सके.

इन 4 राज्यों में सबसे ज्यादा सड़क हादसे, नितिन गडकरी ने संसद में बताये नाम

नितिन गडकरी ने शीतकालीन सत्र के दौरान उन चार भारतीय राज्यों का नाम लिया, जहां सड़क दुर्घटनाओं का आंकड़ा सबसे ज्यादा है. उनके मुताबिक हर साल 1,78,000 लोग सड़क हादसों में मारे जाते हैं. जिनमें से 60 प्रतिशत लोग 18 से 34 वर्ष की आयु के होते हैं. गडकरी ने यह भी स्वीकार किया कि उन्होंने 2024 तक सड़क दुर्घटनाओं और मौतों में 50 प्रतिशत तक कमी लाने का लक्ष्य रखा था, लेकिन इसके बावजूद दुर्घटनाओं में वृद्धि देखी गई है.

सड़क दुर्घटनाओं से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य

1. उत्तर प्रदेश: 23,652

2. तमिलनाडु: 18,347

3. महाराष्ट्र: 15,366

4. मध्य प्रदेश: 13,798

इसके अलावा गडकरी ने दिल्ली को सबसे ज्यादा प्रभावित शहर बताते हुए कहा कि यहां 1,457 से ज्यादा लोग सड़क हादसों में मारे गए. इसके बाद बेंगलुरु (915 मौतें) और जयपुर (850 मौतें) का नंबर आता है.

लोगों में कानून का डर नहीं

गडकरी ने यह भी चिंता जताई कि इतने लोगों के सड़क दुर्घटनाओं में मारे जाने के बावजूद लोगों में कानून का कोई डर नहीं है. उन्होंने कहा कि कुछ लोग हेलमेट नहीं पहनते, तो कुछ लोग लाल बत्ती पार कर जाते हैं. सड़क दुर्घटनाओं के प्रमुख कारणों में से एक ट्रकों की सड़क पर पार्किंग है. कई ट्रक ड्राइवर लेन डिसिप्लिन का पालन नहीं करते, जिससे हादसे बढ़ते हैं.

बस निर्माण के मानक में बदलाव

इसके अलावा गडकरी ने भारतीय बसों के निर्माण के लिए अंतरराष्ट्रीय मानकों का पालन करने का आदेश दिया. उन्होंने कहा कि बस की खिड़की के पास एक हैमर होना चाहिए ताकि दुर्घटना के समय उसे आसानी से तोड़ा जा सके और लोगों को बचाया जा सके.

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