निसाबा के हाथ गोदरेज कंज्यूमर की कमान
दिग्गज उद्योगपति आदि गोदरेज ने गोदरेज ग्रुप की प्रमुख कंपनी गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स की कमान अपनी बेटी निसाबा को सौंप दी। 39 साल की निसाबा इतनी बड़ी कंपनी संभालने वाली सबसे युवा महिला होंगी।
निसाबा एग्जीक्यूटिव चेयरमैन की भूमिका में नजर आएंगी
17 साल तक कंपनी की अगुआई करने के बाद आदि गोदरेज मानद चेयरमैन बन जाएंगे और निसाबा एग्जीक्यूटिव चेयरमैन के तौर पर नई भूमिका में नजर आएंगी।निसाबा फिलहाल कंपनी की एक्जिक्यूटिव डायरेक्टर हैं।
आदि गोदरेज के तीनों बच्चे करते हैं बिजनेस में सहयोग
निसाबा, अदि गोदरेज के तीन बच्चों में दूसरे नंबर की संतान हैं। उनकी सबसे बड़ी बेटी तान्या दुबाश गोदरेज ग्रुप में एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर और चीफ ब्रांड ऑफिसर हैं, जबकि बेटे पिरोजशा गोदरेज सबसे छोटे हैं। पिरोजशा गोदरेज प्रॉपर्टीज के एग्जीक्यूटिव चेयरमैन हैं।
75 साल के आदि गोदरेज कंपनी के निदेशक मंडल में रहेंगे
कंपनी ने एक बयान में बताया कि 75 वर्षीय आदि गोदरेज कंपनी के निदेशक मंडल में बने रहेंगे और विवेक गंभीर प्रबंध निदेशक व मुख्य कार्यकारी अधिकारी के पद पर काम करते रहेंगे।
10 सालों से कंपनी में निसाबा ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है
निसाबा ने पेंसिलवेनिया विश्वविद्यालय के द व्हार्टन स्कूल से स्नातक और हार्वर्ड बिजनेस स्कूल से मास्टर ऑफ बिजनेस की डिग्री ली है। उन्होंने रियल एस्टेट उद्यमी कल्पेश मेहता से शादी की है और उनका एक बच्चा है। पिछले 10 सालों में कंपनी में निसाबा ने जीसीपीएल की स्ट्रैटजी और ट्रांसफॉर्मेशन में एक अहम भूमिका निभाई है।निसाबा साल 2011 से जीसीपीएल बोर्ड में बतौर डायरेक्टर हैं। गोदरेज ग्रुप के कारोबार को रफ्तार देने वाले लीपफ्रॉग प्रोजेक्ट निसाबा की ही मेहनत थी।
भारत में कई बड़ी कंपनियों की कमान संभाल रही हैं महिलाएं
निसाबा के अलावा भी भारत की कई बड़ी भारतीय कंपनियों की बागडोर महिलाओं के हाथ में हैं लेकिन निसाबा इतनी बड़ी कंपनी को संभालने वाली पहली सबसे युवा महिला हैं। वर्तमान में कंपनी के राजस्व का लगभग आधा हिस्सा विदेशी बाजारों से आता है।
देश की सबसे अमीर युवा महिलाओं में निसाबा का नाम
देश की सबसे अमीर युवा महिलाओं में शामिल निसाबा की 2014 में सबसे ज्यादा चर्चा तब हुई थी जब वह एक महीने के बेटे जोरान को लेकर ऑफिस आ गई थीं। तब वह बेटे को ऑफिस के क्रैच में छोड़कर बोर्ड की मीटिंग में शामिल हुई थीं। काम का यह जुनून ही निसाबा को बुलंदी की इस ऊंचाई पर पहुंचा दिया है।