निर्भया केस : अंतिम इच्छा पर क्यों खामोश हैं कातिल?
निर्भया के सभी आरोपियों के खिलाफ डेथ वारंट जारी हो चुका है। सभी को 1 फरवरी को फांसी पर लटकाया जाएगा। अपनी जिंदगी की उल्टी गिनती गिन रहे सभी आरोपी चुप्पी साधे बैठे हैं।
अभी तक चारों में से किसी भी मुजरिम ने तिहाड़ प्रशासन द्वारा पूछे जाने के बाद भी यह नहीं बताया कि उनकी अंतिम इच्छा क्या है?
तिहाड़ जेल के महानिदेशक संदीप गोयल ने कहा कि अदालत ने डेथ वारंट जारी कर दिया है। अब जो भी कानूनी प्रक्रिया अमल में लानी चाहिए हम वह सब अपना रहे है।
इसके तहत चारों मुजरिमों (मुकेश, विनय, अक्षय और पवन) से तिहाड़ जेल प्रशासन ने उनकी अंतिम इच्छा कुछ दिन पहले पूछी थी। अभी तक चारों में से किसी ने भी कोई जवाब नहीं दिया है।
अंतिम इच्छा को लेकर पूछे गए ये सवाल-
संदीप गोयल ने बताया कि जेल प्रशासन ने चारों मुजरिमों से पूछा था कि डेथ वॉरंट अमल में लाए जाने से पहले वे किससे किस दिन किस समय जेल में मिलना चाहेंगे?
संबंधित के नाम, पता और संपर्क नंबर अगर कोई हो तो लिखित में जेल प्रशासन को सूचित कर दे ताकि वक्त रहते अंतिम मिलाई कराने वालों को जेल तक लाने का समुचित इंतजाम किया जा सके।
जेल महानिदेश ने बताया, ‘नियम के मुताबिक दूसरी बात यह पूछी गई थी चारों से कि क्या उन्हें अपनी कोई चल-अचल संपत्ति अपने किसी रिश्तेदार, विश्वासपात्र के नाम करनी है? अगर ऐसा है तो संबंधित शख्स या रिश्तेदर का नाम व पता भी जेल प्रशासन को उपलब्ध कराएं।
जवाब मिलते ही इंतजाम शुरू-
संदीप गोयल ने बताया कि गुरुवार तक चारों में से किसी ने भी फिलहाल दोनों ही सवालों का जवाब नहीं दिया है। जैसे ही जवाब मिलेगा, जेल प्रशासन उसी हिसाब से इंतजाम शुरू कर देगा।
हालांकि अगर फांसी लगने वाले दिन से पहले तक, समुचित समय के साथ मुजरिमों ने दोनों ही सवालों के जवाब नहीं दिया तो जेल प्रशासन मान लेगा कि उन्हें कुछ नहीं कहना-सुनना है।
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