UAPA मामले में न्यूजक्लिक के संपादक को मिली राहत, कोर्ट ने किया रिहा…
UAPA मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को न्यूजक्लिक के संपादक प्रबीर पुरकायस्थ को बड़ी राहत दी है. सुप्रीम कोर्ट ने उनकी रिहाई का आदेश जारी किया है. इसके साथ ही अब प्रबीर पुरकायस्थ ट्रायल कोर्ट में बेल बॉंड भरकर रिहा हो जाएंगे. यह फैसला जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस संदीप मेहता की बेंच ने सुनाया है. सुप्रीम कोर्ट ने UAPA के तहत गिरफ्तारी और रिमांड को चुनौती देने वाली याचिका पर यह निर्णय लिया है.
30 अप्रैल को समाचार पोर्टल न्यूजक्लिक के संपादक प्रबीर पुरकायस्थ को गिरफ्तारी के बाद उनके वकील को सूचित किए बिना मजिस्ट्रेट के सामने पेश करने में जल्दबाजी का आरोप लगाया गया था. जिसके बाद जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ ने भी हैरानी जताई कि, पुरकायस्थ के वकील को रिमांड आवेदन देने से पहले ही रिमांड आदेश पारित कर दिया गया था.
दिल्ली पुलिस पर लगे ये आरोप
प्रबीर पुरकायस्थ पर आरोप है कि उन्होंने न्यूजक्लिक पोर्टल के माध्यम से राष्ट्रविरोधी प्रचार को बढ़ावा देने के लिए चीन से फंडिंग हासिल की. इस ममले में उन्हें पिछले साल अक्टूबर में गिरफ्तार किया गया था. वह तभी से न्यायिक हिरासत में हैं. पुरकायस्थ पर बहुत से गंभीर आरोप लगाए गए थे. सुप्रीम कोर्ट ने न्यूज़क्लिक के संपादक की अर्जी पर सुनवाई करते हुए कहा कि, पुलिस ने पुरकायस्थ को गिरफ्तारी के वक्त गिरफ्तारी का आधार नहीं दिया था. प्रबीर इसलिए पुरकायस्थ जमानत के हकदार हैं, सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई में दिल्ली पुलिस की जल्दीबाजी पर भी सवाल उठाया था. कोर्ट ने कहा कि पुरकायस्थ के वकील को सूचित किए बिना उन्हें मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया था.
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न्यूजक्लिक के संपादक पर लगाए गए थे गंभीर आरोप
न्यूजक्लिक के संपादक प्रबीर पुरकायस्थ पर गंभीर आरोप लगाए गए थे, अभियोजन पक्ष का दावा है कि, चीन ने उन्हें न्यूजक्लिक पोर्टल के माध्यम से राष्ट्रविरोधी प्रचार फैलाने के लिए पैसा दिया था. इस मामले में 3 अक्टूबर 2023 को इस मामले में गिरफ्तार किया गया था. 4 अक्टूबर को उन्हें मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया. दिल्ली पुलिस की चार्जशीट में आरोप लगाए गए हैं, जो IPC की धारा 153A, 120A और UAPA की धारा 13, 16, 17, 18, 22C, 39 और 40 के तहत हैं. वेबसाइट के संस्थापक को इन कठोर धाराओं के तहत आरोपी बनाया गया है, दिल्ली पुलिस ने कहा कि, उनके केस में कुल आठ प्रोटेक्टेड गवाह हैं.