नेपाल ने की चीन निर्मित विमानों की नीलामी, सालों से नहीं कर पा रहे आसमानी सफर
4 फरवरी तक लगानी होगी बोली
भारत में अक्सर कोई नकली या बेकार सामान को चाइना का माल कह कर संबोधित करने का प्रचलन काफी आम है. हालांकि नेपाल के लोगों के लिये यह कहावत सच होती दिखाई दे रही है. चीन के कर्ज के जाल में श्रीलंका और पाकिस्तान के फंसने के बाद अब नेपाल भी इस सूची में शामिल हो गया है.
“व्हाइट एलीफेंट” नाम से मशहूर नेपाल की एयरलाइंस कॉरपोरेशन ने पांच चीनी विमानों की नीलामी के लिए बोली लगाई है जो तीन साल से उड़ान से बाहर हैं. एक नोटिस जारी करते हुए नेपाल एयरलाइंस कॉरपोरेशन ने अपने दो एमए- 60 और वाई-12 ई विमान बेचने के लिए “जैसा है जहां है” के आधार पर बोली लगाने वालों को बुलाया है.
नीलामी के लिये 4 फरवरी तक लगानी होगी बोली
नीलामी नोटिस में कहा गया है, “नेपाल एयरलाइंस कॉरपोरेशन (एनएसी) सभी इच्छुक कंपनियों और व्यक्तियों को दो एमए-60 और वाई-12 ई विमानों की नीलामी बिक्री के लिए अपने सीलबंद निविदा दस्तावेज जमा करने के लिए आमंत्रित करता है.” गुरुवार को प्रकाशित नोटिस के मुताबिक, बोलीदाताओं को अपनी सीलबंद बोली 4 फरवरी, 2024 (13:00 बजे- एनएसटी) तक भेजनी होगी.
करीब हजार करोड़ रुपये खर्च कर खरीदे गये थे 6 विमान
नवंबर 2012 में, NAC ने विमान खरीदने के लिए चीनी सरकार के उपक्रम एविएशन इंडस्ट्री कॉरपोरेशन ऑफ चाइना (AVIC) के साथ एक वाणिज्यिक समझौते पर हस्ताक्षर किए. 6 यात्री विमानों को 432 करोड़ रुपये में खरीदा गया था. जिसमें चार विमान खरीदें गये थे वहीं 2 विमान चीन द्वारा अनुदान के तौर पर दिया गया था. तीन 17-सीटर Y12 E और दो 56-सीटर MA-60 विमान त्रिभुवन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के पार्किंग क्षेत्र में जंग खा रहे हैं. वहीं नेपालगंज में दुर्घटनाग्रस्त हुए एक और विमान को उड़ान भरने योग्य नहीं माना गया है.
विमान के संचालन में भी 270 करोड़ रुपये खर्च किये गए. वहीं इनके रखरखाव में भी अतिरिक्त 190 करोड़ रुपये लगाए गए. कुल 892 करोड़ रुपये नेपाल सरकार द्वारा चीन निर्मित विमानों पर खर्चा जा चुका है. नेपाल एयरलाइंस को चीन के एक्सिम बैंक को 3 अरब रुपये की कर्ज राशि का भुगतान करना बाकी है. नेपाल सरकार को उम्मीद है कि विमानों की नीलामी से उसे 2 अरब तक की राशि प्राप्त हो सकती है.
दुनिया के विभिन्न एयरप्लेंस के बारे में –
बोमबार्डियर Q-400 – यह विमान डैश 8 के नाम से भी जाना जाता है, यह क्षेत्रीय एयरलाइन की एक श्रृंखला है , जिसे 1984 में डी हैविलैंड कनाडा (डीएचसी) द्वारा शुरू किया गया था.
ATR – 72 – एटीआर 72 एक डबल इंजन वाला टर्बोप्रॉप, क्षेत्रीय विमान है जिसे विमान निर्माता एटीआर द्वारा फ्रांस और इटली में विकसित और निर्मित किया गया है. इसके नाम में “72” संख्या विमान की 72 यात्रियों की बैठने की विशिष्ट मानक क्षमता से ली गई है.
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बोइंग विमान 747 – बोइंग 747 को 1968 और 2023 के बीच संयुक्त राज्य अमेरिका में बोइंग कमर्शियल एयरप्लेन द्वारा डिजाइन और निर्मित किया गया था. अक्टूबर, 1958 में 707 को पेश करने के बाद यह पहला हवाई जहाज था जिसे “जंबो जेट” कहा जाता था.
Antonov AN-225 – यूएसएसआर के समय निर्मित 290 फीट से ज्याबदा चौड़े डैनों वाला Antonov AN-225 दुनिया का सबसे बड़ा कार्गो विमान है. इसे 1980 के दशक में यूक्रेन SSR में डिजाइन किया गया था. इस प्लेीन को यूक्रेनी भाषा में Mriya नाम दिया गया जिसका मतलब ‘सपना’ होता है.
एयरबस – एयरबस विमानों का निर्माण 1967 में फ्रांस, जर्मनी, और यूके के बीच शुरू हुई एक शासकीय पहल के तहत हुआ था. 1970 में, फ्रांसीसी और जर्मन एयरोस्पेस फ़र्मों ने एक कंसोर्टियम बनाकर एयरबस का गठन किया.
Y-12E : चीन निर्मित यह विमान 18 यात्री सीटों की क्षमता रखता है. PT6A-135A इंजन, लेकिन बढ़े हुए टॉर्क की मदद से चार-ब्लेड वाले प्रोपेलर चल सकते हैं. इस संस्करण को 2006 में FAA द्वारा प्रमाणित किया गया था.