नेहरू जयंती: आजादी के पहले और बाद भी पं. नेहरू का था काशी से लगाव
नेहरू जयंती: आजादी से पहले और बाद भी भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू का काशी से विशेष लगाव था. उनकी कई यादें और इस शहर से जुड़ी हुई हैं, जो आज भी इस ऐतिहासिक नगरी में रची बसी हुई हैं. पंडित जवाहर लाल नेहरू 1910 में पहली बार पिता मोतीलाल नेहरू के साथ वाराणसी आए थे और महामना से मुलकात की थी.
इसके बाद 1921 में काशी विद्यापीठ के स्थापना समारोह में महात्मा गांधी, मोतीलाल नेहरू के साथ जवाहर लाल नेहरू आए. 1942 में पं. नेहरू ने बीएचयू के रुइया हास्टल मैदान में छात्रों के सामने ओजस्वी भाषण दिया था. इस भाषण का असर छात्रों पर पड़ा और उन्होंने आजादी के संग्राम को और धार दी. साल 1946 में वे एक बार फिर काशी आए और अस्वस्थ महामना के साथ घंटों बिताए और उन्हें बताया कि छात्र शक्ति के बल पर हम जल्द ही आजाद होने जा रहे हैं.
बीएचयू के छात्रों से किया था संवाद
नेहरू काशीयात्रा के दौरान बीएचयू में आकर मंचों से भाषण देने के अलावा छात्रावासों और विभागों में जाकर सभी छात्रों से मिलते थे. उनसे उनकी रुचि, आधुनिक तकनीक और देश सेवा के विचारों का आदान-प्रदान करते थे. महामना मदन मोहन मालवीय युवाओं में नेहरू जी के प्रति बढ़ रही ख्याति को भली -भांति समझते थे. इसे देखते हुए महामना कैंपस में युवाओं को प्रेरित करने के लिए उन्हें समय-समय पर बीएचयू में आमंत्रित करते थे. महामना के बाद भी वह बीएचयू बराबर आते रहे.
योग-व्यायाम में रुचि और काशी में शीर्षासन
पं. नेहरू का स्वास्थ्य के प्रति जागरूक होना और योग-व्यायाम के प्रति उनकी रुचि जगजाहिर थी. 1950 में उनके काशी प्रवास के दौरान नदेसर पैलेस में शीर्षासन करते हुए उनकी एक तस्वीर ली गई थी, जो आज भी इस शहर की धरोहर है. यह तस्वीर उनकी फिटनेस और अनुशासन के प्रति समर्पण को दर्शाती है और नदेसर पैलेस में गर्व से सजी हुई है. बहुत कम लोग जानते हैं कि पं. नेहरु की प्रसिद्ध शीर्षासन करते हुए जो तस्वीर है, वह काशी में ली गई थी. यह तस्वीर 1950 में नदेसर पैलेस में ली गई, जब पं. नेहरू अपने प्रवास के दौरान सुबह योग-व्यायाम कर रहे थे. यह तस्वीर आज भी नदेसर पैलेस के प्रतीक्षा कक्ष में अन्य कई तस्वीरों के साथ सजी हुई है.
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काशी नरेश के होते थे अतिथि
प्रधानमंत्री बनने के बाद पं. नेहरू जब काशी आते थे, तो काशी नरेश डॉ. विभूति नारायण सिंह के अतिथि होते थे. 17 जुलाई 1950 और 17 जनवरी 1951 को भी वे नदेसर पैलेस में रुके थे, और इसी प्रवास के दौरान उनकी शीर्षासन की तस्वीर ली गई थी. पं. नेहरू स्वास्थ्य को लेकर सचेत रहते थे और योग-व्यायाम को जीवन का हिस्सा मानते थे. नदेसर पैलेस में लगी अन्य ऐतिहासिक तस्वीरों में पं. नेहरू के साथ काशी नरेश डॉ.
विभूति नारायण सिंह भी नजर आते हैं. एक अन्य तस्वीर में देश के तीन प्रधानमंत्री एक साथ दिखते हैं—पं. नेहरू, इंदिरा गांधी, और नेहरू की गोद में स्व. राजीव गांधी. इसके अलावा, 1955 में जब रानी एलिजाबेथ द्वितीय और सऊदी अरब के शाह सऊद भारत आए थे, तब भी पं. नेहरू काशी के सारनाथ में आयोजित अंतरराष्ट्रीय बौद्ध सम्मेलन में शामिल हुए थे, जहां विभिन्न विदेशी राजाध्यक्ष भी उपस्थित थे.