politics: 22 जनवरी को राममंदिर( RAM MANDIR ) प्राण प्रतिष्ठा को लेकर जहां तैयारियां शुरू हो गयी है वहीं अब कर्नाटक के बाद महाराष्ट्र में भगवान श्री राम के नाम पर राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है. गुरुवार को भगवान श्री राम को मांसाहारी बताए जाने पर लोगों का गुस्सा भड़क उठा. शरद पवार( sharad pawar ) गुट के एनसीपी नेता जितेंद्र अव्हाण (Jitendra Avhan ) के विवादित बयान को लेकर सियासत गरमा गई है.
एनसीपी नेता जितेंद्र अव्हाण (Jitendra Avhan) के विवादित बयान के बाद अब साधु-संतों की ओर से भी इस पर कड़ी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है. तपस्वी छावनी के पीठाधीश्वर जगतगुरू परमहंस आचार्य (Paramhans Acharya) ने चेतावनी दी है कि अगर जितेंद्र अव्हाण पर कार्रवाई नहीं हुई तो वो उनका वध कर देंगे.
तो अब तक वह ज़िंदा नहीं होता…
परमहंस आचार्य ने कहा, ‘अगर दूसरे धर्म के विषय में अगर इस तरह का कोई बयान दिया गया होता तो अब तक शायद वो ज़िंदा नहीं होता. प्रभु राम का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. हमारे शास्त्रों में वर्णित है प्रभु श्रीराम की निंदा नहीं सुनेगा ये हिंदुस्तान है.
परमहंस आचार्य ने चेतावनी देते हुए कहा कि ‘अगर एनसीपी नेता पर सख़्त कार्रवाई नहीं होती है तो वो ख़ुद जितेंद्र अव्हाण का वध करेंगे. उन्होंने कहा मैं अयोध्या से जगतगुरू परमहंस आचार्य चेतावनी दे रहा हूं कि शास्त्र का ज्ञान नहीं तो पहले वो शास्त्रों का ज्ञान लें. ‘अगर एनसीपी नेता पर सख़्त कार्रवाई नहीं हुई तो मैं जितेंद्र का वध करूंगा.’
यह है मामला
शिरडी में बुधवार को एक कार्यक्रम में आव्हाड ने कहा था कि भगवान राम शाकाहारी नहीं थे, वह मांसाहारी थे. जो व्यक्ति 14 साल तक जंगल में रहेगा वो शाकाहारी भोजन खोजने कहां जाएगा ? उन्होंने जनता से सवाल करते हुए कहा कि क्या यह सही बात है या नहीं ? .
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महंत राजू दास ने भी साधा निशाना –
हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास ने भी जितेंद्र आव्हाड के बयान पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि भगवान राम पर यह बयान देने वाले भूल जाते हैं कि जंगल में कंदमूल भी पाए जाते हैं. पवार की पार्टी को उस नेता को कान पकड़कर कालिख पोतकर जूते की माला पहनाकर बाहर करना चाहिए. अगर उनकी पार्टी आतंकियों की पार्टी और सनातन विरोधियों की पार्टी है तो कोई बात नहीं है, हम उसका जवाब जरूर देंगे.
शबरी के भी हैं राम-
हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास ने कहा कि भगवन राम सबके हैं. जितने भगवान राम ठाकुरों के हैं उतना ही भगवान राम निषाद राज के भी हैं. जितने भगवान राम ब्राह्मणों के हैं उतने ही शबरी के भी हैं.