नरेश अग्रवाल ने थामा भाजपा का हाथ, सपा को लगा झटका
समाजवादी पार्टी के महासचिव और राज्यसभा सदस्य नरेश अग्रवाल बीजेपी ज्वाइन कर लिया है। नरेश अग्रवाल का बीजेपी में जाना समाजवादी पार्टी के लिए एक बड़ा झटका है क्योंकि वो राष्ट्रीय राजनीति में सपा का सबसे मुखर चेहरा हैं।
अखिलेश को तगड़ा झटका देने का फैसला किया है
बताया जाता है कि नरेश अग्रवाल सपा अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से राज्यसभा सीट पर उनकी जगह जया बच्चन को टिकट देने से नाराज थे और अब उन्होंने सपा की सबसे बड़ी सियासी दुश्मन बीजेपी से हाथ मिलाकर अखिलेश को तगड़ा झटका देने का फैसला किया है। बता दें कि समाजवादी पार्टी के छह राज्यसभा सांसद रिटायर हो रहे हैं। किरणमय नंदा, दर्शन सिंह यादव, नरेश अग्रवाल, जया बच्चन, मुनव्वर सलीम और आलोक तिवारी के नाम इस लिस्ट में हैं।
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सपा के पास सिर्फ 47 वोट हैं, अखिलेश यादव सिर्फ एक नेता को ही संसद भेज सकते है। बाकी के 9 अतिरिक्त वोट पार्टी गठबंधन के तहत बीएसपी उम्मीदवार को देगी। समाजवादी पार्टी ने नरेश अग्रवाल, किरणमय नंदा, दर्शन सिंह यादव, मुनव्वर सलीम और आलोक तिवारी को राज्यसभा का टिकट नहीं दिया है।
सपा ने अपने छह राज्यसभा सदस्यों में सिर्फ जया बच्चन को भेजने का फैसला किया है। माना जा रहा है कि इसी से नरेश अग्रवाल नाराज हैं। उनका दर्द ये है कि वो राज्यसभा में सबसे ज्यादा मुखर रहे हैं और पार्टी की रीतियों-नीतियों को केंद्रीय स्तर पर उठाते रहे हैं लेकिन इसके बावजूद पार्टी ने जया बच्चन को राज्यसभा भेजने का फैसला किया और उनका पत्ता काट दिया गया।
10 सीटों में 1 को जोड़ा तो हुए 11
राज्यसभा चुनाव का फॉर्मूला है, खाली सीटें में एक जोड़ से विधानसभा की सदस्य संख्या से भाग देना। निष्कर्ष में भी एक जोड़ने पर जो संख्या आती है। उतने ही वोट एक सदस्य को राज्यसभा चुनाव जीतने के जरूरी होता है। 10 सीटों में 1 को जोड़ा तो हुए 11। अब 403 को 11 से भाग देते हैं तो आता है 36.63। इसमें 1 जोड़ा जाए तो आते हैं 37.63। यानी यूपी राज्यसभा चुनाव जीतने के लिए एक सदस्य को औसतन 38 विधायकों का समर्थन चाहिए।
aajtak
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