नरेश अग्रवाल ने अपनी इस टिप्पणी पर मांगी माफी

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समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता नरेश अग्रवाल(Naresh Agrawal) ने बुधवार को राज्यसभा में हिंदू देवी-देवताओं के बारे में विवादास्पद टिप्पणी की, जिसका भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पुरजोर विरोध किया। बाद में उन विवादित टिप्पणियों को कार्यवृत्ति से निकाल दिया गया।

सत्ताधारी पार्टी के सदस्यों ने अग्रवाल की टिप्पणी का विरोध किया, जिसके बाद उन्होंने उसे वापस लेते हुए माफी मांगी। उन्होंने शुरुआत में ‘हिंदू धर्म के ठेकेदारों’ से माफी मांगने से इंकार किया था।

अग्रवाल राज्यसभा में गोरक्षा के नाम पर भीड़ द्वारा हत्या (लिंचिंग) पर चर्चा में हिस्सा ले रहे थे, जिस दौरान उन्होंने सन् 1991 की एक घटना का जिक्र किया, जब वह उस स्कूल में गए, जिसे जेल में तब्दील कर दिया गया था।

उन्होंने कहा कि हिंदुओं के कुछ देवताओं के नामों को शराब की किस्मों से जोड़ा गया था और ये बातें स्कूल की दीवार पर लिखी हुई थीं।

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सत्ता पक्ष की तरफ इशारा करते हुए अग्रवाल ने कहा कि ये पंक्तियां ‘आपके लोगों’ द्वारा लिखी गई थीं।
मंत्रियों सहित भाजपा के सदस्यों ने सपा सदस्य से माफी की मांग की और उन्होंने कहा कि वे किसी को भी ‘हिंदू देवी-देवताओं का अपमान’ नहीं करने देंगे।

केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने कहा कि अग्रवाल ने देश के बहुसंख्यक लोगों की भावनाओं को आहत किया है। उन्होंने कहा, “उन्होंने एक व्यक्ति नहीं, बल्कि पूरे समुदाय का अपमान किया है।”

केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा कि अगर अग्रवाल ने अपमानजनक टिप्पणी सदन के बाहर की होती तो उनपर मुकदमा दर्ज कराया जा सकता था। वहीं, उपसभापति पी.जे.कुरियन ने कहा कि अग्रवाल की टिप्पणियां ‘दरअसल अपमानजनक’ हैं और उन्हें इसे वापस लेना चाहिए। उन्होंने टिप्पणियों को कार्यवृत्त से निकालने का आदेश दिया।

इसके बाद सपा नेता ने कहा कि अगर उनकी टिप्पणी से किसी की भावना को ठेस पहुंची है, तो वह उसे वापस लेते हैं। लेकिन भाजपा सदस्यों ने हंगामा बंद नहीं किया और वे लगातार नारे लगाते रहे।

हंगामे के बीच कुरियन ने सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित की और मीडिया से हटाई गई टिप्पणी की रिपोर्ट नहीं करने को कहा।

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