‘नमो टीवी’ को लेकर EC सख्त, सरकार से मांगा जवाब
लोकसभा चुनाव 2019 से पहले ही भाजपा का ‘नमो टीवी’ चैनल विवादों में घिर गया है। चुनाव अयोग ने ‘नमो टीवी’ लॉन्चिंग पर सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से जवाब मांगा है।
हाल ही में आम आदमी पार्टी (आप) ने इस मामले में चुनाव आयोग से शिकायत की थी कि ‘नमो टीवी’ को लॉन्चिंग की अनुमति क्यों दी गई। बाद में कांग्रेस ने भी आयोग से शिकायत की थी।
इस मामले पर सूचना प्रसारण मंत्रालय से जुड़े सूत्रों का कहना है कि मंत्रालय ने चुनाव अयोग को अपने जवाब में ‘नमो टीवी’ पर सफाई दी है।
विज्ञापन प्लेटफॉर्म है ‘नमो टीवी’-
मंत्रालय के मुताबिक ‘नमो टीवी’ कोई लाइसेंस प्राप्त चैनल नहीं है बल्कि विज्ञापन प्लेटफॉर्म है। मंत्रालय केवल टीवी चैनल्स को लाइसेंस देता है।
मंत्रालय का कहना है कि ‘नमो टीवी’ के जरिए हो रहे विज्ञापन और चैनल संचालन का पूरा खर्च पार्टी वहन कर रही है। इसके ब्यौरा निर्वाचन अयोग को भेजे बीजेपी के सालाना ऑडिट में भी है।
31 मार्च को लांच हुआ ‘नमो टीवी’-
बता दें कि 31 मार्च को ‘नमो टीवी’ लांच हुआ था। इसके लोगो (चिन्ह) में प्रधानमंत्री मोदी का चेहरा इस्तेमाल किया गया था।
इसमें नरेंद्र मोदी की लाइव रैलियों के साथ-साथ उनके भाषण भी प्रसारित किए जाते हैं।
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