वाराणसी में दोबारा मंडराया रहस्यमय बीमारी का कहर

0

वाराणसीः अक्टूबर की शुरुआत से ही बनारस के हर घर में किसी न किसी परिवार के सदस्यों में रहस्यमय बीमारी का लक्षण दिखना शुरू हो गया था. देखते ही देखते अक्टूबर के अंत में इसकी दूसरी लहर आ गई है.

Also Read : बनारस: करवा चौथः  तुम जियो हजारो साल , साल के दिन हो …

डॉक्टर को दिखाने एवं जांच कराने के बाद मच्छरजनित बीमारी से ग्रसित होने की सूचना आने लगी. इस रहस्यमय बीमारी का मुख्य लक्षण वायरल फीवर आना, पेट दर्द, जी मिचलाना, थकान के साथ-साथ शरीर के जोड़ों में दर्द प्रमुख रूप से है. इसके अलावा पैर व हाथ में सूजन आना भी है। इसके चलते लोगों के बीच यह चर्चा होने लगी है कि जिस प्रकार कोरोना, एक ही व्यक्ति को कई बार अपना शिकार बना रहा था. अब उसी प्रकार तीन साल बाद यह रहस्यमय बीमारी का लक्षण देखने को मिल रहा है. एक बार इसका शिकार बना मरीज सावधानी नहीं बरतने पर दोबारा इस बीमारी की चपेट में आ जा रहा है. दूसरी बार इस बीमारी की गिरफ्त में आने वाले व्यक्ति के लिए यह ज्यादा घातक साबित हो रहा है. यह मरीज के लीवर और फेफड़ों को सीधे डैमेज कर रहा है.

डाक्टरों की माने तो वायरस के अलग-अलग स्ट्रेन के संक्रमित होने के कारण ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई है. ऐसे में कई लोग मच्छर जनित रोग के अलग-अलग वायरस से संक्रमित हुए हैं.

मौजूदा स्थिति को देखे तो जिले के सभी बड़े सरकारी अस्पतालों समेत निजी अस्पतालों व पैथोलाजी में खासकर ब्लड जांच के लिए मरीजों की लंबी लाइन देखनी पड़ रही है। आम तौर पर मरीजों की संख्या में चौगुनी बढ़ोतरी हो गई है।

डेंगू और चिकनगुनिया का मिल रहा डबल अटैक

इस मामले में बीएचयू के मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर धीरेंद्र किशोर की माने तो डेंगू और चिकनगुनिया के चार स्ट्रेन हैं. इनमें डीईएन-वी एक,दो तीन और चार शामिल हैं. इसमें कई मरीज ऐसे हैं जो एक बार ठीक होने के बाद दूसरी बाद फिर डेंगू और चिकनगुनिया के इस स्ट्रेन से संक्रमित हो रहे हैं. आंकड़ों के मुताबिक, हर दिन बीएचयू में करीब दो से तीन ऐसे मरीज सामने आ रहे हैं, जिन्हें डेंगू और चिकनगुनिया का डबल अटैक मिला है. इस कारण उनके लीवर में ज्यादा सूजन भी पाई गई है, जो स्वास्थ के लिए खतरनाक साबित हो सकता है.

मौसम में बदलाव के कारण ऐसी स्थिति

दूसी ओर इस मामले में वाराणसी के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी ने बताया कि मौसम में बदलाव के कारण ऐसी स्थिति बनी जिससे लोग वायरल फीवर से पीड़ित थे. हालांकि आंकड़ों के हिसाब से बात करें तो पिछले साल की अपेक्षा इस बार डेंगू मरीजों की संख्या कम है. मौसम में अब स्थिरता बनी रहेगी. उम्मीद है कि एक हफ्ते के दवा और इलाज के बाद में इस वायरल फीवर से लोगों को इस बीमारी से निवारण मिल जाएगा.

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More