पढ़ाई में फेल होने वाले शख्स ने बिजनेस की दुनिया में लहराया कामयाबी का परचम

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अक्सर देखा जाता है कि जब कोई इंसान अपने किसी काम में असफल हो जाता है तो लोग उसके बारे में तरह तरह की बातें करते हैं। समाज में उसे कोई सम्मान देने की बात नहीं करता है जहां भी जाता है वहां सिर्फ तिरस्कार की भावना से देखा जाता है। लेकिन कई बार यही असफल लोग कुछ ऐसा कर जाते हैं कि दुनिया देखती रह जाती है और उन्हें खुद के कानों और आंखों पर विश्वास नहीं होता है कि आखिर एक असफल इंसान इतना सफल कैसे हो गया।

सातवीं फेल हो गए थे विमल

कुछ ऐसे ही कर दिखाया है गुजरात के आनंद जिले के विमल ने, विमल भी उन लोगों की तरह अक्सर असफल हो जाते थे जब कोई काम करते थे। जिससे लोग उनके बारे में तरह–तरह की बातें करते थे। जब विमल 7वीं कक्षा में फेल हो गए थे तो लोगों ने विमल को यहां तक कह दिया था कि अब वो कुछ नहीं कर पाएगा।

लिख दी सफलता की इबारत

लेकिन क्या किसी इंसान की असफलता को ये मान लेना सही है कि आगे अब वो कुछ नहीं कर पाएगा? ऐसा सोचने वोलों के लिए विमल की कहानी एक तमाचा है जो ये सोचते हैं कि एक बार असफल हुआ इंसान दुनिया में कुछ नहीं कर सकता है। सातवीं फेल वही विमल आज करोड़ों की कपंनी चला रहे हैं, और उनके यहां बड़ी-बड़ी डिग्री वाले नौकरी कर रहे हैं। आज के समय में विमल की कंपनी में करीब 550 लोग काम कर रहे हैं।

मुंबई में 4 हजार रुपए में की मजदूरी

विमल जब 7वीं में फेल हो गए तो एक बार उनके माता-पिता को भी लगा कि उनका बेटा भविष्य में कुछ नहीं कर पाएगा। सातवीं फेल होने के बाद विमल ने मुंबई का रुख किया और मुंबई जाकर कुछ करने का मन बनाया। मुंबई पहुंचकर उन्हें जब कोई काम नहीं मिला तो उन्होंने दिहाड़ी पर काम करना शुरू कर दिया। पूरे महीने दिनभर मेहनत करने पर उन्हें 4 हजार रुपए मिलते थे।

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हीरे की फैक्ट्री में किया पॉलिश का काम

अब इस 4 हजार रुपए से मुंबई जैसे बड़े शहर में रहना भी मुश्किल हो रहा था। लेकिन विमल ने हार नहीं मानी और जिंदगी की इस लड़ाई में हमेशा सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ते रहे। कुछ समय बाद विमल ने मजदूरी छोड़ कर हीरामार्केट में हीरा फैक्ट्रियों में पॉलिश का काम करने लगे। यहां पर उन्होंने सोच कि इस काम से उनकी जिंदगी कटने वाली नहीं हैं और उन्होंने पैसे जोड़ने शुरू कर दिए।

कमीशन पर किया मार्केटिंग का काम

उस दौर में विमल के कुछ दोस्त हीरे की मार्केटिंग कर रहे थे जो कमीशन पर काम करते थे। विमल ने भी उस कां को करना शुरू कर दिया और यहीं से उनकी जिंदगी में तोड़ा बदलाव हुआ और अब रोज 1 से 2 हजार रुपए मिलने लगे।

खुद की कंपनी की रखी आधारशिला

विमल ने बचाए हुए पैसे से एक खुद की कंपनी खोलने का फैसला किया और खुद की कंपनी शुरू कर दी। कंपनी का नाम विमल जेम्स रखा। बस यहीं से उनकी लाइफ में टर्निंग प्वाइंट आ गया और इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।

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साल 2000 में कंपनी का टर्नओवर 15 लाख

सन 2000 में उनकी कंपनी का टर्नओवर करीब 15 लाख पहुंच गया। तबी उनके साथ एक कपंनी के कर्मचारी ने धोखा दे दिया और करीब 30 लाख का हीरा लेकर गायब हो गया।

पहले आउटलेट की शुरूआत

साल 2009 में विमल ने अपना पहला आउटलेट खोला और एक ज्योतिष को भी ऱखा ताकि ग्राहक को जानकारी भी मिल सके कि उन्हें कौन से रत्न पहनने चाहिए और उनसे क्या फायदे या नुकसान होंगे। विमल ये आइडिया कारगर साबित हुआ हऔर स्टोर के ओपनिंग के दिन ही लाखों की बिक्री हुई। आज के समय में विमल एक सफल लोगों में शुमार रखते हैं, और इनके करीब 52 आउटलेट्स महाराष्ट्र में चल रहे हैं।

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