मुरली से काम नही चलेगा, सुदर्शन चक्र चलाना होगा-CM योगी
अयोध्या, मथुरा, काशी- सनातन हिंदू धर्म के स्तंभ
एक दिवसीय दौरे पर त्रिपुरा पहुंचे सीएम योगी ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि- ’मुरली’ से काम नहीं चलेगा, बल्कि सुरक्षा कि लिए सुदर्शन चक्र भी चलाना पड़ेगा. उन्होंने कहाकि हमें मिलकर काम करना है और सत्ता में कभी विधर्मियों को नहीं आने देना है. हमारे देश में बांग्लादेश जैसी स्थिति न हो इसलिए हमें ऐसी शक्तियों को समाप्त करना है. सीएम योगी ने यह सब बातें मां त्रिपुर सुंदरी की कृपा भूमि त्रिपुरा राज्य के पश्चिमी क्षेत्र में सिद्धेश्वरी मंदिर के उद्घाटन एवं प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम में कही.
मंदिर का उद्घाटन हम सब के लिए महत्वपूर्ण क्षण…
सीएम योगी ने कहा कि- मां सिद्धेश्वरी की प्राण प्रतिष्ठा एवं मंदिर के उद्घाटन का यह कार्यक्रम हम सबके लिए महत्वपूर्ण क्षण है. सीएम ने कहा कि पूज्य संत शांतिकाली महाराज ने 1994 में आश्रम की श्रंखला को आगे बढ़ाया था. शांतिकाली महाराज ने उस समय जो संकल्प लिए थे, उसे चितरंजन महाराज बिना रुके और बिना डिगे आगे बढ़ा रहे हैं, इसलिए भारत सरकार भी उनका सम्मान कर रही है.
अयोध्या, मथुरा, काशी- सनातन हिंदू धर्म के स्तंभ
सीएम ने कहा की देश की सरकार ने हमेशा देश के “विकास और विरासत“ को आगे बढ़ाया है. अयोध्या में प्रभु श्री राम का मंदिर हो या फिर त्रिपुरा में मां त्रिपुर सुंदरी के मंदिर के सुंदरीकरण एवं पुनरुद्धार का कार्य, सभी उसके साक्षात उदाहरण हैं. इतना ही नहीं उन्होंने सनातन धर्म को लेकर भी कहा कि अयोध्या, मथुरा, काशी यह तीन सनातन हिंदू धर्म के महत्वपूर्ण स्तंभ हैं, मान बिंदु हैं.
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शांति काली आश्रम द्वारा प्रबंधित हैं 24 मंदिर
बरकथल स्थित यह नवनिर्मित मंदिर पूर्वोत्तर राज्य में शांति काली आश्रम द्वारा प्रबंधित 24 मंदिरों में से एक है. शांति काली आश्रम के प्रमुख महाराजा चितरंजन देबबर्मा हिंदू संस्कृति, परंपरा और धर्म की रक्षा के लिए काम करते रहे हैं. उन्हें पिछले साल पद्मश्री से सम्मानित किया गया था .
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कांग्रेस पर बोला हमला…
कांग्रेस पर हमला करते हुए सीएम योगी ने कहा- आजादी के पहले बंग भंग 1905 के दौरान भी बांटने का प्रयास हुआ था. लेकिन देशभक्तों की कठिन तपस्या के कारण ऐसा संभव नहीं हो पाया. देश भर में सरस्वती शिशु मंदिर और आरएसएस की विचारधारा पर सीएम योगी ने कहाकि 1950 में सबसे पहले गोरखपुर में इसका शुभारंभ हुआ. हम लोग निस्वार्थ भाव से सेवा करने वाले लोग हैं. इसका महिमामंडन नहीं करते.