सोशल मीडिया में वायरल हो रही ट्रैफिक पुलिस की हैवानियत
वैसे तो ट्रैफिक पुलिस का काम रोड पर चल रहे लोगों को अच्छे से रास्ता पार कराना और यातायात की व्यवस्था को सुचारू रूप से चलने देना है ताकि चलती रोड में जाम ना लगे और रास्ते में निकलते समय लोगों को जाम की परेशानी ना झेलना पड़े। लेकिन मुंबई ट्रैफिक पुलिस का ने कुछ ऐसा काम किया जिससे उनकी गैर जिम्मेदारी दिखाई पड़ रही है।
संवेदनहीन हुई मुंबई पुलिस
ट्रैफिक पुलिसकर्मी ने रास्ते के किनारे खड़ी एक निजी कार को क्रेन की मदद से उठा लिया गया जिसमें एक बीमार महिला अपने सात महीने के छोटे से बच्चे को दूध पिला रही थी। घटना उत्तर-पश्चिम के उपनगर मलाड (पश्चिम) की व्यस्त एस. वी. रोड की है। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया खूब वायरल हो रहा है, इस वीडियो को एक स्थानीय नागरिक ने बनाया है, जिसे महिला का पति बताया जा रहा है।
Also Read : फेसबुक पोस्ट पर मचा आतंक, 30 हिन्दू घरों को फूंका
घटना को बड़ी गंभीरता से लेते हुए मुंबई के संयुक्त आयुक्त (ट्रैफिक) अमितेश कुमार ने पुलिस उपायुक्त-पश्चिम (डीसीपी-पश्चिम) को तुरंत जांच करने के आदेश दिए। जानकारी के मुताबिक आरोपी पुलिसकर्मी को सस्पेंड कर दिया गया है।
महाराष्ट्र पुलिस के नियमों के खिलाफ दिखे पुलिसकर्मी
सड़क के किनारे राखी नाम की महिला अपने सात महीने के बच्चे के साथ सफेद कार में बैठी हुई थी कि तभी एक टो वैन ने अचानक कार को उठाकर ले जाना शुरू कर दिया। उसने पुलिस कर्मी से अनुरोध भी किया कि वह कार टो न करें, लेकिन ट्रैफिक पुलिसकर्मी का नाम शशांक राणे जिन्होंने ड्यूटी के दौरान अपने नाम का बिल्ला भी नहीं पहना था, बिल्ला न पहनना महाराष्ट्र पुलिस के नियमों के खिलाफ है।
पुलिसकर्मी ने महिला से मुस्कुरा कर अपने नाम को बताया की और महिला को गाड़ी से उतरने का अनुरोध किया, लेकिन महिला ने अपने बच्चे की नर्सिग करने और खुद को अस्वस्थ बताकर गाड़ी से नीचे उतरने से मना कर दिया। महिला ने खिड़की से एक एक मेडिकल पेपर बना रहे वीडियोग्राफर को दिखाया था और बताया कि वह बीमार है। वह अभी अपने भूखे बच्चे को स्तनपान करा रही है, जिसकी पुष्टी वीडियो में दिखाई पड़ रही है। महिला का ट्रैफिक पुलिसकर्मी के खिलाफ कहना है कि वहां खड़े दो अन्य वाहनों को पुलिसकर्मी ने न उठा कर उनकी कार को बिना सुनें टो करके ले जाने लगे।