चाचा को बड़ा झटका, मंच पर एक साथ दिखे मुलायम और अखिलेश
समाजवादी पार्टी ने लोकसभा 2019 के लिए दिल्ली के जंतर-मंतर पर साइकिल रैली से चुनावी अभियान की शुरुआत की। इस दौरान पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव के साथ पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव और चाचा राम गोपाल यादव भी मौजूद रहे। इस चुनावी अभियान के साथ ही उत्तर प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों से समाजवादी पार्टी की साइकिल यात्रा दिल्ली पहुंचेगी और जंतर-मंतर पर समापन होगा।
समाजवादी पार्टी की साइकिल यात्रा
बता दें कि उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी पिछले दो महीने से साइकिल यात्रा निकाल रही है। इस साइकिल यात्रा के जरिए केंद्र की मोदी सरकार और यूपी की योगी सरकार के खिलाफ समाजवादी पार्टी अपना मोर्चा खोल रही है। इतना ही नहीं, अखिलेश यादव खुद भी यूपी के कई जगहों पर साइकिल रैली के दौरान उसमें शामिल हुए हैं।
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पार्टी से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव दिल्ली के जंतर-मंतर से लोकसभा चुनाव प्रचार की शुरूआत करेंगे। इस रैली में अखिलेश यादव केंद्र और यूपी सरकार पर निशाना साधते नजर आएंगे और इस रैली में अखिलेश यादव समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं को चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी से निपटने के नुस्खे भी देंगे।
मैनपुरी से मुलायम को ही उम्मीदवार बनाने का फैसला
अहम बात यह है कि समाजवादी पार्टी से अलग हो चुके अखिलेश के चाचा शिवपाल यादव ने अपनी पार्टी बना ली है और उन्होंने मैनपुरी से मुलायम को ही उम्मीदवार बनाने का फैसला किया था। पिता मुलायम सिंह का बेटे अखिलेश के साथ आ जाने से चाचा शिवपाल की निश्चित तौर पर मुसीबतें बढ़ जाएंगी।
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हालांकि, चाचा शिवापाल यादव पार्टी के मुलायमवादी कार्यकर्ताओं को एक साथ जोड़ने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन मुलायम सिंह और अखिलेश यादव का एक साथ एक मंच पर आ जाना एक तरह से चाचा के लिए संकेत हैं कि मुलायम अभी भी पार्टी के साथ खड़े हैं, जो कि उन्होंने अपनी मेहनत से बनाई है।
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