मुश्किल में सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव
सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव की मुश्किलें हैं की थमने का नाम नहीं ले रही है। दरअसल, मुलायम सिंह पर आय से अधिक संपत्ति मामला फिर से सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। मामले में विश्वनाथ चतुर्वेदी ने याचिका सपा मुखिया के खिलाफ दायर किया है।
याचिका में सीबीआई पर मामले में हीला हवाली करने की बात कही गई है। मामले के मूल याचिकाकर्ता विश्वनाथ चतुर्वेदी ने याचिका दायर कर कोर्ट को बताया सीबीआई ने अब तक मामले में कोई कार्रवाई नहीं की है।
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जबकि मार्च 2007 में शुरुआती सबूतों के आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने केस दर्ज करने का आदेश दिया था। 2012 में इस मामले में मुलायम, अखिलेश और प्रतीक यादव की पुनर्विचार याचिका भी कोर्ट खारिज कर चुका है। याचिकाकर्ता ने मांग की है कि सुप्रीम कोर्ट सीबीआई से मामले पर रिपोर्ट तलब करे या निचली अदालत में रिपोर्ट जमा करने का आदेश दे।
कारसेवक मामले में मिली थी राहत
बता दें कि मुलायम पर पहले से ही कारसेवक वाला मामला चल रहा है। 2 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने मुलायम सिंह यादव के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग वाली याचिका खारिज कर दिया था । याचिका में कहा गया था कि 1990 में यादव ने राम मंदिर के लिए आंदोलन करने वाले कार सेवकों पर गोली चलाने के आदेश दिए थे।
लाखों कारसेवकों की भीड़ अयोध्या में 2 नवंबर 1990 को शुक्रवार के दिन जब बेकाबू हुई थी। तब उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने भीड़ को तितर बितर करने के लिये गोली चलाने का आदेश दिया था।
समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव ने फायरिंग का आदेश देने के 23 साल बाद कहा कि उन्हें अयोध्या में कारसेवकों पर गोली चलाने का आदेश देने का दुख है। 2 नवंबर 1990 को बेकाबू हुए कारसेवकों पर यूपी पुलिस ने फायरिंग की थी जिसमें कई कारसेवक मारे गए थे।
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